Aaj Jo Harihi N Shastra Gahau
भीष्म प्रतिज्ञा आज जो हरिहिं न शस्त्र गहाऊँ तौं लाजौं गंगा-जननी को, सांतनु-सुत न कहाऊँ स्यंदन खंडि महारथ खंडौं, कपिध्वज सहित डुलाऊँ इती न करो सपथ मोहिं हरि की, क्षत्रिय-गतिहि न पाऊँ पांडव-दल सन्मुख हौं धाऊँ, सरिता रुधिर बहाऊँ ‘सूरदास’ रण-भूमि विजय बिनु, जियत न पीठ दिखाऊँ
Shri Bhagvad Gita Divya Shastra
गीतोपदेश श्री भगवद्गीता दिव्य शास्त्र जिसमें वेदों का भरा सार वाणी द्वारा इसका माहात्म्य, अद्भुत कोई पाता न पार भगवान् कृष्ण-मुख से निसृत, यह अमृत इसका पान करे स्वाध्याय करे जो गीता का, उसके यह सारे क्लेश हरे मृगतृष्णा-जल जैसी दुनिया, आसक्ति मोह का त्याग करें कर्तापन का अभिमान छोड़, हम शास्त्र विहित ही कर्म […]