Shashwat Sathi Bas Aatma Hi
आत्मानुभूति शाश्वत साथी बस आत्मा ही जन्म से पूर्व, मृत्यु के बाद, रहता जो निरन्तर एक यही वह नहीं छोड़ता कभी हमें, परमात्मा का ही अंश जान परिवार प्रति कर्तव्य व्यक्ति का, इसका भी होए सदा मान रागात्मक भाव नहीं किन्तु, अनुभूति विराग की हो मन में निर्वहन करे दायित्वों का व पालन करे यथा […]