Chadi Man Hari Vimukhan Ko Sang
प्रबोधन छाड़ि मन, हरि-विमुखन को संग जिनके संग कुमति उपजत है, परत भजन में भंग कहा होत पय-पान कराए, विष नहिं तजत भुजंग कागहिं कहा कपूर चुगाए, स्वान न्हवाए गंग खर कौं कहा अरगजा-लेपन मरकट भूषन अंग गज कौं कहा सरित अन्हवाए, बधुरि धरै वह ढंग पाहन पतित बान नहिं बेधत, रीतो करत निषंग ‘सूरदास’ […]
Jhumat Radha Sang Giridhar
होली झूमत राधा संग गिरिधर, झूमत राधा संग अबीर, गुलाल की धूम मचाई, उड़त सुगंधित रंग लाल भई वृन्दावन-जमुना, भीज गये सब अंग नाचत लाल और ब्रजनारी, धीमी बजत मृदंग ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, छाई बिरज उमंग
Khelat Gupal Nav Sakhin Sang
होली खेलत गुपाल नव सखिन संग, अंबर में छायो रंग रंग बाजत बेनु डफ और चंग, कोकिला कुहुक भरती उमंग केसर कुमकुम चंदन सुंगध, तन मन सुध बिसरी युवति वृंद कोइ निरखत है लोचन अघाय,लीनो लपेटि आनंदकंद झोरी भर-भर डारत गुलाल, मन में छाई भारी तरंग
Gayo Man Shyam Sang Hi Bhag
श्याम रंग गयो मन श्याम संग ही भाग मुरली की धुन पड़ी कान में, मन उमग्यो अनुराग अधर-सुधा-रस भरी सुनाई, दिव्य मधुरतम राग मधुर मिलन की गोपीजन मन, उठी कामना जाग कैसा प्रबल प्रेम है इनका, जग से हुआ विराग दर्शन जिसको मिले श्याम का, उसका ही बड़भाग श्रुतियाँ ढूँढ रहीं हैं जिनको, पाये न […]
Dushton Ka Sang Na Kabhi Karen
दुष्टों का संग दुष्टों का संग न कभी करें आचार जहाँ हो निंदनीय, मन में वह कलुषित भाव भरें दुष्कर्मी का जहँ संग रहे, सद्गुण की वहाँ न चर्चा हो क्रोधित हो जाता व्यक्ति तभी, विपरीत परिस्थिति पैदा हो होता अभाव सद्बुद्धि का, मानवता वहाँ न टिक पाती अभिशप्त न हो मानव जीवन, अनुकम्पा प्रभु […]
Baithe Hari Radha Sang
मुरली मोहिनी बैठे हरि राधासंग, कुंजभवन अपने रंग मुरली ले अधर धरी, सारंग मुख गाई मनमोहन अति सुजान, परम चतुर गुन-निधान जान बूझ एक तान, चूक के बजाई प्यारी जब गह्यो बीन, सकल कला गुन प्रवीन अति नवीन रूप सहित, तान वही सुनाई ‘वल्लभ’ गिरिधरनलाल, रीझ कियो अंकमाल कहन लगे नन्दलाल, सुन्दर सुखदाई
Sakhiyon Ko Sang Liye
नाचे बनवारी सखियों को संग लिये, नाचत बनवारी मन्द मन्द चलत पवन, पूनम को चाँद गगन बाँसुरी बजाये श्यामसुन्दर सुखकारी कंकण किंकिंणी कलाप, गोपीजन मन उमंग मंडल बीच श्याम संग, राधा सुकुमारी बाजे मृदंग ताल, छनन छनन नूपुर-ध्वनि वृन्दावन यमुना-तट, शोभा प्रियकारी
Sakhi Mohan Sang Mouj Karen
फागुन का रंग सखि, मोहन सँग मौज करें फागुन में मोहन को घरवाली बना के, गीत सभी मिल गाएँ री, फागुन में पकड़ श्याम को गलियन डोलें, ताली दे दे नाच नचाएँ मस्ती को कोई न पार आज, फागुन में हम रसिया तुम मोहन गोरी, कैसी सुन्दर बनी रे जोरी जोरी को नाच नचाओ रे, […]