Dhan Sanchay Se Dukhi Hote
धन संचय धन संचय से दुःखी होते दूजों को वंचित करके ही हम धन की वृद्धि कर पाते हम स्वामी उतने ही धन के जिससे कि गुजारा हो जाये ज्यादा धन को अपना माने, वह व्यक्ति चोर ही कहलाये परिवार में धन के कारण ही आपस में बँटवारा होता ज्यादा धन से सुख मिलता है, […]