Bansiwala Sanwariya Aaja Re
निमंत्रण बंसीवाला साँवरिया आजा रे बिन देखे नहीं चैन पड़त है, चाँद सा मुखड़ा दिखाजा रे मोर मुकुट पीतांबर सोहे, मुरली की टेर सुनाजा रे दधि माखन घर में बहु मेरे, जो चाहे सोइ खाजा रे ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, मोहनी मूरत दिखाजा रे
Re Man Krishna Nam Jap Le
श्री कृष्ण स्मरण रे मन कृष्ण नाम जप ले भटक रहा क्यों इधर उधर तू, कान्ह शरण गह ले जनम मरण का चक्कर इससे, क्यों न मुक्त हो जाये यह संसार स्वप्न के जैसा, फिर भी क्यों भरमाये जिनको तू अपना है कहता, कोई भी नहीं तेरा मनमोहन को हृदय बिठाले, चला चली जग फेरा
Baje Baje Re Shyam Teri Pejaniyan
श्याम की पैंजनियाँ बाजे-बाजे रे स्याम तेरी पैजनियाँ माता यशोदा चलन सिखावत, उँगली पकड़ कर दो जनियाँ राजत अनुपम लाल झगुला, पीट बरन सुन्दर तनिया ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, तीन लोक के तुम धनिया
Kahe Re Van Dhoondhan Jaai
अन्तर्यामी काहे रे वन ढूँढन जाई घट घट वासी सदा अलेपा, तोही संग समाई पुष्प मध्य ज्यों गंध बसत है, मुकुर माँहि जस छार्इं तैसे ही हरि बसे निरन्तर, घट घट खोजौ भाई बाहर भीतर एकौ जानौ, ‘नानक’ ज्ञान बताई
Matwaro Badal Aayo Re
मेघ श्याम मतवारो बादल आयो रे, हरि को संदेस न लायो रे दादुर मोर पपीहा बोले, कोयल सबद सुणायो रे कारो अँधेरो बिजुरी चमके, बिरहन अति डरपायो रे गाजे बाजे पवन मधुरिया, मेघा झड़ी लगायो रे दासी थारी बिरह की जारी, ‘मीराँ’ मन हरि भायो रे
Ganapati Gaao Re Vigan Nahi Aayega
श्री गणेश स्तुति गणपति गाओ रे, विघन नहीं आयगा सिद्धि सदन सुर-नर-मुनि वंदित, करता भरता रे, विघन नहीं आएगा ब्रह्मा, विष्णु, महेश तुम्हीं हो, संकट हरता रे, विघन नहीं आयगा कोटि सूर्य सम प्रभा तुम्हारी, बुद्धि प्रदाता रे, विघन नहीं आयगा शंकर-सुवन, पार्वती-नंदन, आनँद मनाओ रे, विघन नहीं आयगा जो जन सुमिरन करे तिहारो, भय […]