Rath Par Rajat Sundar Jori
रथयात्रा रथ पर राजत सुन्दर जोरी श्री घनश्याम लाड़िलो सुन्दर, श्रीराधाजू गोरी चपल तुरंत चलत धरणी पर, भयो कुलाहल भारी आस पास युवतीजन गावत, देत परस्पर तारी व्योम विमान भीर भई सुर-मुनि, जय जय शब्द उचारी ‘सूरदास’ गोकुल के वासी, बानिक पर बलिहारी
Ari Sakhi Rath Baithe Giridhari
रथ-यात्रा अरी सखि रथ बैठे गिरिधारी राजत परम मनोहर सब अँग, संग राधिका प्यारी मणि माणिक हीरा कुन्दन से, डाँडी चार सँवारी अति सुन्दर रथ रच्यो विधाता, चमक दमक भी भारी हंस गति से चलत अश्व है, उपजत है छबि न्यारी विहरत वृन्दावन बीथिन में, ‘परमानन्द’ बलिहारी
Aaj Sakhi Rath Baithe Nandlal
रथ-यात्रा आज सखी, रथ बैठे नंदलाल अति विचित्र पहिरे पट झीनो,उर सोहत वन-माल वामभाग वृषभानु-नंदिनी, पहिर कसूंभी सारी तैसोई घन उमड्यो चहुँ दिशि, गरजत है अति भारी सुन्दर रथ मणि-जटित मनोहर, अनुपम है सब साज चपल तुरंग चलत धरणी पे, रह्यो घोष सब गाज ताल पखावज बीन बाँसुरी, बाजत परम रसाल ‘गोविंददास’ प्रभु पे बरखत, […]