Kuch Lena Na Dena Magan Rahna
आत्मानंद कछु लेना न देना मगन रहना पाँच तत्त्व का बना पींजरा, जामे बोलत मेरी मैना गहरी नदिया नाव पुरानी, केवटिया से मिले रहना तेरा पीया तेरे घट में बसत है, सखी खोल कर देखो नैना कहत ‘कबीर’ सुनो भाई साधो, गुरु-चरण में लिपट रहना
Rahna Nahi Des Birana Hai
नश्वर संसार रहना नहीं देस बिराना है यह संसार कागद की पुड़िया, बूँद पड़े घुल जाना है यह संसार काँट की बाड़ी, उलझ उलझ मरि जाना है यह संसार झाड़ और झाँखर, आग लगे बरि जाना है कहत ‘कबीर’ सुनो भाई साधो, सतगुरु नाम ठिकाना है