Ghar Aavo Pritam Pyara
विरह व्यथा घर आओ प्रीतम प्यारा, अब आओ प्रीतम प्यारा है तुम बिन सब जग खारा, घर आओ प्रीतम प्यारा तन मन धन सब भेंट करूँ, व भजन करूँ मैं थारा तुम गुणवंत बड़े नटनागर, मोमें औगुण न्यारा मैं निगुणी कुछ गुण तो नाहीं, तुम में ही गुण सारा ‘मीराँ’ के प्रभु कब रे मिलोगे, […]
Mhare Ghar Aao Pritam Pyara
आओ प्रीतम म्हारे घर आओ प्रीतम प्यारा, जग तुम बिन लागे खारा तन-मन धन सब भेंट धरूँगी, भजन करूँगी तुम्हारा तुम गुणवंत सुसाहिब कहिये, मोमें औगुण सारा मैं निगुणी कछु गुण नहिं जानूँ, ये सब बगसण हारा ‘मीराँ’ कहे प्रभु कब रे मिलोगे, तुम बिन नैण दुखारा
Mhara Sohan Sundar Shyam Pyara Bega Aajyo Ji
मथुरा गमन (राजस्थानी) म्हारा सोहन सुन्दर श्याम प्यारा, बेगा आज्यो जी मथुरा नगरी जा कर म्हाने, भूल न ज्याजो जी गोपीजन सब भोली भाली, कपट न जाणे जी चतुर सभी मथुरा की नारी, रींझ न ज्याजो जी बंसी की धुन कान पड्या, घर बार भुला कर जी दौड़ी आई मोहन प्यारा, मिलणें थाँसे जी रोवण […]