Priti Pagi Shri Ladili Pritam Shyam Sujan
युगल से प्रीति प्रीति पगी श्री लाड़िली, प्रीतम स्याम सुजान देखन में दो रूप है, दोऊ एक ही प्रान ललित लड़ैती लाड़िली, लालन नेह निधान दोउ दोऊ के रंग रँगे, करहिं प्रीति प्रतिदान रे मन भटके व्यर्थ ही, जुगल चरण कर राग जिनहिं परसि ब्रजभूमि को, कन कन भयो प्रयाग मिले जुगल की कृपा से, […]
Priti Ki Rit Na Jane Sakhi
प्रीति की रीति प्रीति की रीत न जाने सखी, वह नन्द को नन्दन साँवरिया वो गायें चराये यमुना तट, और मुरली मधुर बजावत है सखियों के संग में केलि करे, दधि लूटत री वह नटवरिया संग लेकर के वह ग्वाल बाल, मग रोकत है ब्रज नारिन को तन से चुनरी-पट को झटके, सिर से पटके […]
Tan Man Se Gopiyan Priti Kare
व्यथित गोपियाँ तन मन से गोपियाँ प्रीति करें, यही सोच कर प्रगटे मोहन कटि में पीताम्बर वनमाला और मोर मुकुट भी अति सोहन कमनीय कपोल, मुस्कान मधुर, अद्वितीय रूप मोहन का था उत्तेजित कर तब प्रेम भाव जो परमोज्ज्वल अति पावन था वे कण्ठ लगे उल्लास भरें, श्रीकृष्ण करें क्रीड़ा उनसे वे लगीं सोचने दुनियाँ […]
Prabhu Se Priti Badhaye
हरि से प्रीति प्रभु से प्रीति बढ़ायें मुरलीधर की छटा मनोहर, मन-मंदिर बस जाये माया मोह कामनाओं का, दृढ़ बंधन कट जाये सब सम्बन्धी सुख के संगी, कोई साथ न आये संकट ग्रस्त गजेन्द्र द्रौपदी, हरि अविलम्ब बचाये भजन कीर्तन नंद-नन्दन का, विपदा दूर भगाये अन्त समय जो भाव रहे, चित वैसी ही गति पाये […]