Dhara Par Pragte Palanhar
श्रीकृष्ण प्राकट्य धरा पर प्रगटे पालनहार, बिरज में आनँद छायो रे पीत पताका घर घर फहरे, मंगल गान हर्ष की लहरें गूँजे पायल की झंकार, विरज में आनँद छायो रे नर-नारी नाचे गोकुल में, मात यशोदा बलि बलि जाए द्वारे भीर गोप-गोपिन की, बिरज में आनंद छायो रे दान दे रहे नंद जसोदा, माणिक मोती […]
Nand Ghar Pragte Anand Kand
श्रीकृष्ण प्राकट्य नन्द घर प्रकटे आनँद कंद हुआ पुत्र यशुमति मैया को, छायो परमानन्द जात कर्म संस्कार हो गया, विपुल दियो है दान भेंट करें सब ग्वाल गोपियाँ, गाये मंगल गान दुन्दुभियाँ भेरी भी बाजे, करें मंगलाचार सजे सभी घर ब्रज मण्डल में, शोभित वन्दनवार आगन्तुक को रोहिणी मैया, करें जहाँ सत्कार नन्दमहल में ऋद्धि […]