Pahchan Le Prabhu Ko
परब्रह्म पहचान ले प्रभु को, घट घट में जो है बसते झूठे सभी है सारे, संसार के जो रिश्ते जड़ हो कि या हो चेतन, सबमें वही तो बसते प्रच्छन्न वे नहीं हैं, फिर भी न हमको दिखते कस्तूरी नाभि में पर, मृग खोजता है वन में सबके वही प्रकाशक, तूँ देख उनको मन में […]
Prabhu Ji Main Jagat Dekh Bharmaya
भ्रम की दुनिया प्रभुजी, मैं जगत् देख भरमाया किया अनुग्रह आप ही ने तो तब तो मनुज योनी में आया भूल गया उपकार किन्तु मैं, किया सदा मन भाया घट-घट वासी आप ही स्वामी, तथ्य समझ में आया तेरी मेरी करके फिर भी, यूँ ही समय बिताया वैभव देख दूसरों का मन मेरा भी ललचाया […]
Prabhu Adbhut Teri Maya
मोह माया प्रभु अद्भुत तेरी माया, जिसका पार न कोई पाया धन दौलत सम्बन्धी अथवा, पुत्र पिता या जाया ममता कभी न छूटे उनसे, जिनमें रहा भुलाया गर्भवास कर नौ महिने तक, पृथ्वी पर मैं आया प्यार मिला घर के लोगों से, समझ नहीं कुछ पाया युवा काल ऐसे ही खोया, मस्ती मजा उड़ाया वृद्धावस्था […]
Prabhu Ji Main To Tharo Hi Tharo
समर्पण (राजस्थानी) प्रभुजी मैं तो थारो ही थारो भलो बुरो जैसो भी हूँ मैं, पर हूँ तो बस थारो बिगड्यो भी तो थारो बिगड्यो, थे ही म्हने सुधारो म्हारी बात जाय तो जाये, नाम बिगड़ सी थारो चाहे कहे म्हने तो बिगडी, विरद न रहसी थारो जँचे जिस तरे करो नाथ, थे मारो चाहे तारो […]
Prabhu Tero Vachanbharoso Sancho
भक्त-वत्सलता प्रभु तेरो वचन भरोसो साँचो पोषन भरन विसंभर स्वामी, जो कलपै सो काँचौ जब गजराज ग्राह सौं अटक्यौ, बली बहुत दुख पायौ नाम लेट ताही छन हरिजू, गरुड़हि छाँड़ि छुड़ायौ दुःशासन जब गही द्रौपदी, तब तिहिं वसन बढ़ायौ ‘सूरदास’ प्रभु भक्त बछल हैं, चरन सरन हौं आयौ
Prabhu Ki Apaar Maya
शरणागति प्रभु की अपार माया, जिसने जगत् रचाया सुख दुःख का नजारा, कहीं धूप कहीं छाँया अद्भुत ये सृष्टि जिसको, सब साज से सजाया ऋषि मुनि या देव कोई, अब तक न पार पाया सब ही भटक रहे है, दुस्तर है ऐसी माया मुझको प्रभु बचालो, मैं हूँ शरण में आया
Prabhu Rakho Laj Hamari
शरणागति प्रभु! राखो लाज हमारी अमृत बना पिया विष मीरा, चरण-कमल बलिहारी जिन भक्तों ने लिया सहारा, उनकी की रखवारी खोया समय भोग में मैंने, तुमको दिया बिसारी पापी कौन बड़ा मेरे से, तुम हो कलिमल हारी प्रीति-पात्र मैं बनूँ तुम्हारा, संबल दो बनवारी अविनय क्षमा करो नँदनंदन, आया शरण तुम्हारी जो चाहे सो रूप […]
Prabhu More Avgun Chit N Dharo
समदर्शी प्रभु प्रभु मोरे अवगुण चित्त न धरो समदर्शी है नाम तिहारो, चाहो तो पार करो इक लोहा पूजा में राखत, इक घर बधिक परो यह द्विविधा पारस नहिं जानत, कंचन करत खरो इक नदिया इक नार कहावत, मैलो ही नीर भरो जब मिलि के दोउ एक वरण भए, सुरसरि नाम परो एक जीव, एक […]
Prabhu Ki Upaasana Nitya Kare
पूजन-अर्चन प्रभु की उपासना नित्य करे जो सत्य अलौकिक देव-भाव, जीवन में उनको यहीं भरे मन बुद्धि को जो सहज ही में, श्री हरि की प्रीति प्रदान करे भौतिक उपचारों के द्वारा, यह संभव होता निश्चित ही पूजन होए श्रद्धापूर्वक, अनिष्ट मिटे सारे तब ही पूजा का समापन आरती से, हरि भजन कीर्तन भी होए […]
Prabhu Shakti Pradan Karo Aisi
शरणागति प्रभु शक्ति प्रदान करो ऐसी, मन का विकार सब मिट जाये चाहे निंदा हो या तिरस्कार, मुझको कुछ नहीं सता पाये भोजन की चिन्ता नहीं मुझे, जब पक्षी जी भर खाते ही मुझको मानव का जन्म दिया, तो खाने को भी देंगे ही बतलाते हैं कुछ लोग मुझे, अन्यत्र कहीं सुख का मेला देखा […]