Nath Tav Charan Sharan Main Aayo
शरणागति नाथ तव चरण शरन में आयो अब तक भटक्यो भव सागर में, माया मोह भुलायो कर्म फलनि की भोगत भोगत, कईं योनिनि भटकायो पेट भयो कूकर सूकर सम, प्रभु-पद मन न लगायो भई न शान्ति, न हिय सुख पायो, जीवन व्यर्थ गँवायो ‘प्रभु’ परमेश्वर पतति उधारन, शरनागत अपनायो
Jay Ganesh Gan Nath Dayamay
श्री गणेश स्तवन जय गणेश गणनाथ दयामय, दूर करो सब विघ्न हमारे प्रथम धरे जो ध्यान तुम्हारो, उनके सारे काज सँवारे लंबोदर गजवदन मनोहर, बज्रांकुश को कर में धारे ऋद्धि-सिद्धि दोऊ चँवर डुलावैं, मूषक वाहन आप पधारे ब्रह्मादिक सुर ध्यावें मन में, ऋषि मुनिगण सब दास तुम्हारे ‘ब्रह्मानंद’ सहाय करो प्रभु, भक्तजनों के तुम रखवारे
Nath Kaise Bali Ghar Yachan Aaye
वामन अवतार नाथ कैसे बलि घर याचन आये बलिराजा रणधीर महाबल, इन्द्रादिक भय खाये तीन लोक उनके वश आये, निर्भय राज चलाये वामन रूप धरा श्री हरि ने, बलि के यज्ञ सिधाये तीन चरण पृथ्वी दो राजन! कुटिया चाहूँ बनायें बलि ने दान दिया जैसे ही तत्क्षण रूप बढ़ाये तीन लोक में पैर पसारे, बलि […]
Nath Ne Narsingh Rup Banaya
नरसिंह अवतार नाथ ने नरसिंह रूप बनाया, भक्त प्रहृलाद बचाया खम्भ फाड़ कर प्रगट भये हरि, सब को ही भरमाया आधा रूप लिया है नर का, आधा सिंह धराया हिरणाकशिपु को पकड़ धरा पर, नख से फाड़ गिराया गर्जन सुनकर ब्रह्माजी अरु सभी देवता आया हाथ जोड़ सब स्तुति करके, शांत स्वरूप कराया घट घट […]
Tumi Bandhu Tumi Nath
शरणागति तुमि बंधु, तुमि नाथ, निशिदिन तुमि आमार तुमि सुख, तुमि शान्ति, तुमि हे अमृत पाथार तुमिइ तो आनन्दलोक, जुड़ाओ प्राण नाशो शोक ताप हरण तोमार चरण, असीम शरण दीन जनार