Aaj Sakhi Nandnandan Pragate
श्रीकृष्ण प्राकट्य आजु सखी, नँद-नंदन प्रगटे, गोकुल बजत बधाई री कृष्णपक्ष की अष्टमी भादौ, योग लग्न घड़ी आई री गृह-गृह ते सब बनिता आई, गावत गीत बधाई री जो जैसे तैसे उठि धाई, आनन्द उर न समाई री चौवा चन्दन और अरगजा, दधि की कीच मचाई री बन्दीजन सुर नर गुन गावें, शोभा बरनि न […]
Karahu Man Nandnandan Ko Dhyan
प्रबोधन करहुँ मन, नँदनंदन को ध्यान येहि अवसर तोहिं फिर न मिलैगो, मेरो कह्यो अब मान अन्तकाल की राह देख मत, तब न रहेगो भान घूँघरवाली अलकैं मुख पर, कुण्डल झलकत कान मोर-मुकुट अलसाने नैना, झूमत रूप निधान दिव्य स्वरुप हृदय में धरले करहुँ नित्य प्रभु गान