Mangal Murati Marut Nandan
मारुति वंदना मंगल-मूरति मारुत-नंदन, सकल अमंगल-मूल-निकंदन पवन-तनय संतन-हितकारी, ह्रदय बिराजत अवध-बिहारी मातु-पिता, गुरु, गनपति, सारद, सिवा-समेत संभु,सुक नारद चरन बंदि बिनवौं सब काहू, देहु राम-पद-नेह-निबाहू बंदौं राम-लखन वैदेही, जे ‘तुलसी’ के परम सनेही
Gwalin Tab Dekhe Nand Nandan
गोपियों का प्रेम ग्वालिन तब देखे नँद-नंदन मोर मुकुट पीताम्बर काचे, खौरि किये तनु चन्दन तब यह कह्यो कहाँ अब जैहौं, आगे कुँवर कन्हाई यह सुनि मन आनन्द बढ़ायो, मुख कहैं बात डराई कोउ कोउ कहति चलौ री जाई, कोउ कहै फिरि घर जाई कोउ कहति कहा करिहै हरि, इनकौ कहा पराई कोउ कोउ कहति […]
Jamuna Tat Dekhe Nand Nandan
गोपी का प्रेम जमुना तट देखे नंद-नन्दन मोर-मुकुट मकराकृति कुण्डल, पीत वसन, तन चन्दन लोचन तृप्त भए दरसन ते, उर की तपन बुझानी प्रेम मगन तब भई ग्वालिनी, सब तन दसा हिरानी कमल-नैन तट पे रहे ठाड़े, सकुचि मिली ब्रज-नारी ‘सूरदास’ प्रभु अंतरजामी, व्रत पूरन वपु धारी
Dekho Ri Nand Nandan Aawat
श्री चरण देखौ री नँदनंदन आवत वृन्दावन तैं धेनु-वृंद बिच, बेनु अधर धर गावत तन घनश्याम कमल-दल-लोचन, अंग-अंग छबि पावत कारी-गोरी, धौरी-धूमरि, लै लै नाम बुलावत बाल गोपाल संग सब सोभित, मिलि कर-पत्र बजावत ‘सूरदास’ मुख निरखत ही मुख, गोपी-प्रेम बढ़ावत
Jab Se Mohi Nand Nandan Drashti Padyo Mai
मोहन की मोहिनी जब से मोहि नँद नंदन, दृष्टि पड्यो माई कहा कहूँ या अनुपम छवि, वरणी नहीं जाई मोरन की चन्द्रकला शीश मुकुट सोहे केसर को तिलक भाल तीन लोक मोहे कुण्डल की झलक तो, कपोलन पर छाई मानो मीन सरवर तजि, मकर मिलन आई कुटिल भृकुटि तिलक भाल, चितवन में टौना खंजन अरु […]
Nand Nandan Aage Nachungi
गाढ़ी प्रीति नँद-नंदन आगे नाचूँगी नाच नाच पिय तुमहिं रिझाऊँ, प्रेमीजन को जाँचूँगी प्रेम प्रीत का बाँध घूँघरा, मोहन के ढिंग छाजूगीं लोक-लाज कुल की मरजादा, या मैं एक न राखूँगी पिय के पलँगाँ जा पौढूँगी, ‘मीराँ’ हरि रँग राँचूँगी
Jamuna Tat Kridat Nand Nandan
होली जमुनातट क्रीड़त नँदनंदन, होरी परम सुहाई युवती-यूथ संग ले राधा, सन्मुख खेलन आई रत्नजटित पिचकारी भरि के, सखी एक ले धाई प्राणप्रिया मुख निरख स्याम को, छिरकत मृदु मुसकाई तब ही गुलाल भरी मुट्ठी में, पिय की ओर चलाई मानों उमगि प्रीति अतिशय हो, बाहिर देत दिखाई दौरि अचानक कुँवरि राधिका, गहे स्याम सुखदाई […]
Jay Bajarangi Kesari Nandan
श्री हनुमान स्तुति जय बजरंगी केसरीनंदन, जय जय पवन कुमार जय गिरि धारक, लंका जारक, हारक व्याधि विकार जय जग वन्दन असुर निकंदन, जय दुरन्त हनुमान जय सुख दाता, संकट त्राता, जय कलि के भगवान जय बल सागर, अतिशय नागर, जय करुणा के धाम जय दुख भंजन, जन मन रंजन, रामदूत निष्काम जय हो जय […]
Nand Nandan Bado Natkhati Hai
नटखट कन्हैया नँदनंदन बड़ो नटखटी है मैं दधिमाखन बेचन जाऊँ, पथ रोक ले मेरो धाय के जो नहीं देऊँ मैं माखन तो,वो लूट ले आँख दिखाय के जब भी घर से बाहर जाऊँ, चुपके से घर में आय के तब ग्वाल-बाल को संग में ले, मटको फोड़े दधि खाय के घर की भी सुधि नहीं […]
Bhajahun Re Man Shri Nand Nandan
नवधा भक्ति भजहुँ रे मन श्री नँद-नन्दन, अभय चरण अरविन्द रे दुर्लभ मानव-जनम सत्संग, तरना है भव-सिंधु रे शीत, ग्रीष्म, पावस ऋतु, सुख-दुख, ये दिन आवत जात रे कृपण जीवन भजन के बिन चपल सुख की आस रे ये धन, यौवन, पुत्र, परिजन, इनसे मोह परितोष रे कमल-नयन भज, जीवन कलिमल, करहुँ हरि से प्रीति […]