Bhajan Ko Namahi Nam Bhayo
भजन महिमा भजन को नामहि नाम भयो जासों द्रवहि न प्राननाथ, वह कैसे भजन भयो कर माला, मुख नाम, पै न मन में कोई भाव रह्यो केवल भयो प्रदरसन, लोगन हूँ ने भगत कह्यो पायो मानुष जन्म, वृथा ऐसे ही समय गयो मन में साँची लगन होय सो, साँचो भजन कह्यो बिरह व्यथा में बीतहिं […]