Main Ik Nai Bat Sun Aai
श्री कृष्ण प्राकट्य मैं इक नई बात सुन आई महरि जसोदा ढोटा जायौ, घर घर होति बधाई द्वारैं भीर गोप-गोपिन की, महिमा बरनि न जाई अति आनन्द होत गोकुल में, रतन भूमि सब छाई नाचत वृद्ध, तरुन अरु बालक, गोरस कीच मचाई ‘सूरदास’ स्वामी सुख-सागर, सुन्दर स्याम कन्हाई
Ho Ik Nai Bat Suni Aai
श्री राधा प्राकट्य हौं इक नई बात सुनि आई कीरति रानी कुँवरी जाई, घर-घर बजत बधाई द्वारे भीर गोप-गोपिन की, महिमा बरनि न जाई अति आनंद होत बरसाने, रतन-भूमि निधि छाई नाचत तरुन वृद्ध अरु बालक, गोरस-कीच मचाई ‘सूरदास’ स्वामिनि सुखदायिनि, मोहन-सुख हित आई
Khatir Kar Le Nai Gujarya
रसिया खातिर कर ले नई गुजरिया, रसिया ठाड़ो तेरे द्वार ठाड़ौ तेरे द्वार रसिया, ठाड़ौ तेरे द्वार ये रसिया तेरे नित नहिं आवै, प्रेम होय तो दर्शन पावै, अधरामृत को भोग लगावै, कर मेहमानी अब मत चूके समय न बारम्बार हिरदे की चौकी कर हेली, नेह को चंदन लगा नवेली, दीक्षा ले बनि जैयो चेली, […]