Ab Me Nachyo Bahut Gopal
मोह माया अब मैं नाच्यौ बहुत गोपाल काम क्रोध को पहिर चोलनो, कंठ विषय की माल महा मोह के नूपुर बाजत, निन्दा शबद रसाल भरम भर्यो मन-भयो पखावज, चलत कुसंगत चाल तृष्णा नाद करत घट भीतर, नाना विधि दे ताल माया को कटि फैंटा बाँध्यो, लोभ तिलक दियो भाल कोटिक कला काछि दिखराई, जल थल […]