Sut Mukh Dekhi Jasoda Phuli
यशोदा का स्नेह सुत-मुख देखि जसोदा फूली हरषित देखि दूध की दंतुली, प्रेम-मगन तन की सुधि भूली बाहिर तें तब नन्द बुलाए, देखौं धौ सुन्दर सुखदाई तनक-तनक-सी दूध दँतुलियाँ, देखौ, नैन सफल कारौं आई आनँद सहित महर तब आये, मुख चितवत दोउ नैन अघाई ‘सूर’ स्याम किलकत द्विज देखे, लगै कमल पे बिज्जु छाई
Sakhi Lala Ke Mukh Pe Makkhan
माखन चोरी सखि लाला के मुँह पे मक्खन, मैंने जब लगा हुआ पाया भोलेपन से कुछ उत्तर दे, चित चुरा कन्हैया भाग गया जिनके घर अब तक नहीं पहुँचा, लाला मक्खन चोरी करने अति उत्कण्ठित वे गोपीजन, आ जाये वहीं उपकृत करने वास्तव में हर ग्वालिन का मन, अटका रहता है मोहन में वे उपालम्भ […]
Neel Kamal Mukh Shobhit
श्रीकृष्ण माधुर्य नील-कमल मुख शोभित, अलकें घुँघराली कौस्तुभ मणि-माल कण्ठ, शोभित वनमाली पीताम्बर श्याम-अंग ऐसो सखि सोहे मानो घन-श्याम बीच, चपला मन मोहे माथे पर मोर मुकुट, चन्द्रिका बिराजे भाल तिलक केसर की अनुपम छवि छाजे कुण्डल की झलक चपल लग रही निराली त्रिभुवन में गूँज रही, वंशी धुन आली पूनम की रात मृदुल,पूर्ण चन्द्रिका […]