Bhajan Bin Jiwan Manahu Masan
भजन महिमा भजन बिन जीवन मनहुँ मसान जीवन के जीवन मनमोहन, उन बिन मरन समान चलत फिरत दीखत जो यह तन,सो जनु प्रेत समान कहा काम आवहिगो वैभव, जब तन को अवसान जो कछु मिल्यौ न फल्यौ जगत में, कियो न हरि गुण-गान है बस यही चातुरी साँची, भजै स्याम रसखान