Prabhu Ji Main Jagat Dekh Bharmaya

भ्रम की दुनिया प्रभुजी, मैं जगत् देख भरमाया किया अनुग्रह आप ही ने तो तब तो मनुज योनी में आया भूल गया उपकार किन्तु मैं, किया सदा मन भाया घट-घट वासी आप ही स्वामी, तथ्य समझ में आया तेरी मेरी करके फिर भी, यूँ ही समय बिताया वैभव देख दूसरों का मन मेरा भी ललचाया […]

Main Karu Vinati Maa Durga

दुर्गा देवी स्तुति मैं करूँ विनती माँ दुर्गा, दुर्गति हारिणी महाकाल सर्वांग सुन्दरी ज्योतिर्मय, कस्तुरी केसर-तिलक भाल मुस्कान अधर पे मंद-मंद, आभूषण शोभित रत्न माल मस्तक पर मंडित अर्ध चन्द्र, माँ के वैभव का नहीं पार सावित्री, सन्ध्या, महादेव, हरिअज वन्दित महिमा अपार सौभाग्यदायिनी जग-जननी, माँ राग द्वेष अभिमान हरो हो न्यौछावर जो भी मेरा, […]

Main Ik Nai Bat Sun Aai

श्री कृष्ण प्राकट्य मैं इक नई बात सुन आई महरि जसोदा ढोटा जायौ, घर घर होति बधाई द्वारैं भीर गोप-गोपिन की, महिमा बरनि न जाई अति आनन्द होत गोकुल में, रतन भूमि सब छाई नाचत वृद्ध, तरुन अरु बालक, गोरस कीच मचाई ‘सूरदास’ स्वामी सुख-सागर, सुन्दर स्याम कन्हाई

Main To Mohan Rup Lubhani

रूप लुभानी मैं तो मोहन रूप लुभानी सुंदर वदन कमल-दल लोचन, चितवन की मुसकानी जमना के नीर तीरे धेनु चरावै, मुरली मधुर सुहानी तन मन धन गिरिधर पर वारूँ, ‘मीराँ’ पग लपटानी

Nath Tav Charan Sharan Main Aayo

शरणागति नाथ तव चरण शरन में आयो अब तक भटक्यो भव सागर में, माया मोह भुलायो कर्म फलनि की भोगत भोगत, कईं योनिनि भटकायो पेट भयो कूकर सूकर सम, प्रभु-पद मन न लगायो भई न शान्ति, न हिय सुख पायो, जीवन व्यर्थ गँवायो ‘प्रभु’ परमेश्वर पतति उधारन, शरनागत अपनायो

Ek Ram Bharosa Hi Kali Main

राम भरोसा एक राम भरोसा ही कलि में वर्णाश्रम धर्म न दिखे कहीं, सुख ही छाया सबके मन में दृढ़ इच्छा विषय भोग की ने, कर्म, भक्ति, ज्ञान को नष्ट किया वचनों में ही वैराग्य बचा और वेष ने सबको लूट लिया सच्चे मन से जो जीवन में, रामाश्रित कोई हो पाये भगवान अनुग्रह से […]

Prabhu Ji Main To Tharo Hi Tharo

समर्पण (राजस्थानी) प्रभुजी मैं तो थारो ही थारो भलो बुरो जैसो भी हूँ मैं, पर हूँ तो बस थारो बिगड्यो भी तो थारो बिगड्यो, थे ही म्हने सुधारो म्हारी बात जाय तो जाये, नाम बिगड़ सी थारो चाहे कहे म्हने तो बिगडी, विरद न रहसी थारो जँचे जिस तरे करो नाथ, थे मारो चाहे तारो […]

Main Kusum Kali Hun Pujan Ki

पूजन में प्रेम मैं कुसुम कली हूँ पूजन की, है अहो भाग्य यह मेरा फूलों की मैं माला बन कर, मैं प्रिय के गले लगूँगी उनका मन आल्हादित करके, मैं धन्य-भाग्य होऊँगी मन-मोहन को रिझा सकूँगी, पुष्पगंध के द्वारा अपना जीवन सफल करूँगी, पा लूँगी सुख सारा गद्गद् तब मैं हो जाऊँगी, अश्रुपात नयनों से […]

Main Jogi Jas Gaya Bala

शिव द्वारा कृष्ण दर्शन मैं जोगी जस गाया बाला, मैं जोगी जस गाया तेरे सुत के दरसन कारन, मैं काशी तज आया पारब्रह्म पूरन पुरुषोत्तम, सकल लोक जाकी माया अलख निरंजन देखन कारन, सकल लोक फिर आया जो भावे सो पावो बाबा, करो आपुनी दाया देउ असीस मेरे बालक को, अविचल बाढ़े काया ना लेहौं […]

Main To Sanware Ke Rang Rachi

प्रगाढ़ प्रीति मैं तो साँवरे के रँग राची साजि सिंगार बाँधि पग घुँघरू, लोक-लाज तजि नाची गई कुमति लई साधु की संगति, स्याम प्रीत जग साँची गाय गाय हरि के गुण निस दिन, काल-ब्याल सूँ बाँची स्याम बिना जग खारो लागत, और बात सब काँची ‘मीराँ’ गिरिधर-नटनागर वर, भगति रसीली जाँची