Kaha Kahati Tu Mohi Ri Mai
मनोवेग कहा कहति तू मोहि री माई नंदनँदन मन हर लियो मेरौ, तब तै मोकों कछु न सुहाई अब लौं नहिं जानति मैं को ही, कब तैं तू मेरे ढ़िंग आई कहाँ गेह, कहँ मात पिता हैं, कहाँ सजन गुरुजन कहाँ भाई कैसी लाज कानि है कैसी, कहा कहती ह्वै ह्वै रिसहाई अब तौ ‘सूर’ […]
Kou Mai Leho Re Gopal
मुग्ध गोपी कोउ माई लेहो रे गोपाल दधि को नाम श्याम घन सुंदर, बिसर्यो चित ब्रजबाल मटकी सीस भ्रमत ब्रज बीथिन, बोलत बचन रसाल उफनत तक चूवत चहुँ दिसि तें, मन अटक्यो नँदलाल हँसि मुसिकाइ ओट ठाड़ी ह्वै, चलत अटपटी चाल ‘सूर’ श्याम बिन और न भावे, यह बिरहिनी बेहाल
Mai Moko Chand Lagyo Dukh Den
विरह व्यथा माई, मोकौं चाँद लग्यौ दुख दैन कहँ वे स्याम, कहाँ वे बतियाँ, कहँ वह सुख की रैन तारे गिनत गिनत मैं हारी, टपक न लागे नैन ‘सूरदास’ प्रभु तुम्हारे दरस बिनु, विरहिनि कौं नहिं चैन
Mero Mai Hathi Ye Bal Govinda
हठी बाल कृष्ण मेरौ माई हठी ये बाल-गोबिंदा अपने कर गहि गगन बतावत, खेलन माँगे चंदा बासन मैं जल धर्यो जसोदा, हरि कौं आनि दिखावे रूदन करत ढूँढत नहिं पावत, चंद धरनि क्यों आवे मधु मेवा पकवान मिठाई, माँगि लेहु मेरे छौना चकई डोरी पाट के लटकन, लेहु मेरे लाल खिलौना संत उबारन असुर सँहारन, […]
Jab Se Mohi Nand Nandan Drashti Padyo Mai
मोहन की मोहिनी जब से मोहि नँद नंदन, दृष्टि पड्यो माई कहा कहूँ या अनुपम छवि, वरणी नहीं जाई मोरन की चन्द्रकला शीश मुकुट सोहे केसर को तिलक भाल तीन लोक मोहे कुण्डल की झलक तो, कपोलन पर छाई मानो मीन सरवर तजि, मकर मिलन आई कुटिल भृकुटि तिलक भाल, चितवन में टौना खंजन अरु […]
Mai Ri Main To Liyo Govind Mol
अनमोल गोविंद माई री मैं तो लियो री गोविन्दो मोल कोई कहै छाने, कोई कहै चोरी, लियो री बजंताँ ढोल कोई कहै कारो, कोई कहै गोरो, लियो री अखियाँ खोल कोई कहै महँगो कोई कहै सस्तो, लियो री अमोलक मोल तन का गहणाँ सब ही दीना, दियो री बाजूबँद खोल ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, […]
Anurag Mai Vardan Mai
भारत माता अनुरागमयी वरदानमयी भारत जननी भारत माता! मस्तक पर शोभित शतदल सा, यह हिमगिरि है शोभा पाता नीलम-मोती की माला सा, गंगा-यमुना जल लहराता वात्सल्यमयी तू स्नेहमयी, भारत जननी भारत माता सूरज की सुनहरी किरणों से गूंथी लेकर के मालाएँ सौंदर्यमयी श्रृंगारमयी, भारत जननी भारत माता तेरे पग पूजन को आतीं, सागर लहरों की […]
Karuna Mai He Bhagwati
दुर्गादेवी स्तुति करुणामयी हे भगवती! सद्बुद्धि दें, संकट हरें आरूढ़ होती सिंह पर, शुभ मुकुट माथे पर धरें मरकत मणि सम कान्तिमय, हम जगन्माता को वरें जिसकी न तुलना हो सके, सौन्दर्य माँ का मोहता वह गात कंकण, करधनी अरू नूपुरों से गूँजता माता अधीश्वरी विश्व की, सब देवताओं में प्रमुख वे अभय करतीं, भोग […]
Kalyan Mai Durga Devi
माँ दुर्गा स्तुति कल्याणमयी दुर्गादेवी, मैया को मेरा नमस्कार रक्ताम्बर से जो अंलकृता, गिरिराज सुता को नमस्कार विष्णुमाया को नमस्कार, हे व्याधि-विनाशिनि नमस्कार हे कार्तिकेय गणपति माता, चरणों में सादर नमस्कार शिव वाम भाग में जो स्थित, कैलास-वासिनी नमस्कार जो सभी प्राणियों में चेतन, उन सर्वव्यापी को नमस्कार माँ जगन्मोहिनी जगदम्बे, ज्योत्स्नामयी को नमस्कार हे […]