Jay Jay Durge Jay Maheshwari
दुर्गा स्तवन जय जय दुर्गे जय माहेश्वरी, आर्त जनों की तुम रखवारी शैल नन्दिनी सुर-मुनि सेवित, पाप-पुँज की नाशन हारी पूर्णचन्द्र सम प्रभा वदन की, विश्व विमोहिनी दीप्ति तुम्हारी शूल धारिणी सिंह वाहिनी, महिषासुर को मर्दनवारी शुम्भ-निशुम्भ मुण्ड गल माला, अंधक दैत्य विशोषण हारी शोभा, क्षमा, शान्ति, श्रद्धा, धृति, विजय रूपिणी, पालनहारी जय जय सुखदा […]