Chod Mat Jajo Ji Maharaj
म्हारी लाज छोड़ मत जाजो जी महाराज मैं अबला बल नाहिं गुसाईं, तुम मेरे सिरताज मैं गुणहीन गुण नाहिं गुसाईं, तुम समरथ महाराज थाँरी होय के किणरे जाऊँ, तुम हिवड़ा रा साज मीराँ के प्रभु और न कोई, राखो म्हारी लाज
Bin Kaju Aaj Maharaj Laj Gai Meri
द्रोपदी का विलाप बिन काज आज महाराज लाज गई मेरी दुख हरो द्वारिकानाथ शरण मैं तेरी दुःशासन वंश कठोर, महा दुखदाई खैंचत वह मेरो चीर लाज नहिं आई अब भयो धर्म को नास, पाप रह्यो छाई यह देख सभा की ओर नारि बिलखाई शकुनि दुर्योधन, कर्ण खड़े खल घेरी दुख हरो द्वारिकानाथ शरण मैं तेरी […]
Jo Janme Maharaj Nabhi Ki
श्री ऋषभदेव जो जन्मे महाराज नाभि के, पुत्र रूप से विष्णु ही थे जो कहलाये, ऋषभ नाम से बड़े हुए तो किया अध्ययन वेदशास्त्र का सौंपा तब दायित्व पिता ने राजकाज का सुख देकर सन्तुष्ट किया, भलीभाँति प्रजा को हुई इन्द्र को ईर्ष्या तो, रोका वर्षा को ऋषभदेव ने वर्षा कर दी, योग शक्ति से […]
Bangala Bhala Bana Maharaj
नश्वर देह बंगला भला बना महाराज, जिसमें नारायण बोले पाँच तत्व की र्इंट बनाई, तीन गुणों का गारा छत्तीसों की छत बनाई, चेतन चिनने हारा इस बँगले के दस दरवाजे, बीच पवन का थम्भा आवत जावत कछू ना दीखे, ये ही बड़ा अचम्भा इस बँगले में चौपड़ माँडी, खेले पाँच पचीसा कोर्ई तो बाजी हार […]