Pati Madhuwan Te Aai
श्याम की पाती पाती मधुवन तै आई ऊधौ हरि के परम सनेही, ताके हाथ पठाई कोउ पढ़ति फिरि फिरि ऊधौ, हमको लिखी कन्हाई बहूरि दई फेरि ऊधौ कौ, तब उन बाँचि सुनाई मन में ध्यान हमारौ राख्यो, ‘सूर’ सदा सुखदाई
श्याम की पाती पाती मधुवन तै आई ऊधौ हरि के परम सनेही, ताके हाथ पठाई कोउ पढ़ति फिरि फिरि ऊधौ, हमको लिखी कन्हाई बहूरि दई फेरि ऊधौ कौ, तब उन बाँचि सुनाई मन में ध्यान हमारौ राख्यो, ‘सूर’ सदा सुखदाई