Kanhaiya Pe Tan Man Lutane Chali
समर्पण कन्हैया पे तन मन लुटाने चली भूल गई जीवन के सपने, भूल गई मैं जग की प्रीति, साँझ सवेरे मैं गाती हूँ, कृष्ण-प्रेम के मीठे गीत अब अपने को खुद ही मिटाने चली, कन्हैया पे तन मन लुटाने चली लिखा नहीं है भाग्य में मिलना, पर मैं मिलने जाती हूँ, दुःख के सागर में […]