Re Man Krishna Nam Kah Lije
नाम स्मरण रेमन, कृष्ण-नाम कह लीजै गुरु के वचन अटल करि मानहु, साधु-समागम कीजै पढ़ियै-सुनियै भगति-भागवत, और कथा कहि लीजै कृष्ण-नाम बिनु जनम वृथा है, वृथा जनम कहाँ जीजै कृष्ण-नाम-रस बह्यौ जात है, तृषावन्त ह्वै पीजै ‘सूरदास’ हरि-सरन ताकियै, जनम सफल करि लीजै
Ab Man Krishna Krishna Kahi Lije
श्रीकृष्ण स्मरण अब मन कृष्ण कृष्ण कहि लीजे कृष्ण कृष्ण कहि कहिके जग में, साधु समागम कीजे कृष्ण नाम की माला लेके, कृष्ण नाम चित दीजे कृष्ण नाम अमृत रस रसना, तृषावंत हो पीजै कृष्ण नाम है सार जगत् में, कृष्ण हेतु तन छीजे ‘रूपकुँवरि’ धरि ध्यान कृष्ण को, कृष्ण कृष्ण कहि लीजे