Ab To Hari Nam Lo Lagi
चैतन्य महाप्रभु अब तो हरी नाम लौ लागी सब जग को यह माखन चोरा, नाम धर्यो बैरागी कित छोड़ी वह मोहक मुरली, कित छोड़ी सब गोपी मूँड मुँडाई डोरी कटि बाँधी, माथे मोहन टोपी मात जसोमति माखन कारन, बाँधे जाके पाँव श्याम किसोर भयो नव गौरा, चैतन्य जाको नाँव पीताम्बर को भाव दिखावे, कटि कोपीन […]
Mukhada Ni Maya Lagi Re
मोहन का सौंदर्य (गुजराती) मुखड़ानी माया लागी रे, मोहन प्यारा मुखड़ूँ मैं जोयुँ तारूँ, सब जग थयुँ खारूँ, मन मारूँ रह्युँ न्यारूँ रे संसारी, नुँ सुख एवुँ, झाँझवाना नीर जेवुँ, तेने तुच्छ करी फरिये रे ‘मीराँबाई’ बलिहारी, आशा मने एक तारी, हवे हुँ तो बड़भागी रे
Main To Tore Charan Lagi Gopal
शरणागत मैं तो तोरे चरण लगी गोपाल जब लागी तब कोउ न जाने, अब जानी संसार किरपा कीजौ, दरसण दीजो, सुध लीजौ तत्काल ‘मीराँ’ कहे प्रभु गिरिधर नागर, चरण-कमल बलिहार
Bhukh Lagi Hai Mohan Pyare
प्रेम के भूखे भूख लगी है मोहन प्यारे यज्ञ करे मथुरा में ब्राह्मण, जाओ उनके द्वारे हाँ ना कुछ भी कहे न द्विज तो, चाह स्वर्ग की मन में ग्वाल-बाल सब भूखे ही लोटे, घोर निराशा उन में बोले हरि यों आस न छोड़ों अनुचित है यह राह यज्ञ-पत्नियाँ जो कि वहाँ है, पूर्ण करेंगी […]