Mukhada Kya Dekhe Darpan Main
दया-धर्म मुखड़ा क्या देखे दर्पण में, तेरे दया धरम नहीं मन में कागज की एक नाव बनाई, छोड़ी गंगा-जल में धर्मी कर्मी पार उतर गये, पापी डूबे जल में आम की डारी कोयल राजी, मछली राजी जल में साधु रहे जंगल में राजी, गृहस्थ राजी धन में ऐंठी धोती पाग लपेटी, तेल चुआ जुलफन में […]
Kya Yagya Ka Uddeshya Ho
यज्ञ क्या यज्ञ का उद्देश्य हो दम्भ अथवा अहं हो नहीं, शुद्ध सेवा भाव हो हो समर्पण भावना, अरु विश्व का कल्याण हो इन्द्रिय-संयम भी रहे, अवशिष्ट भोगे यज्ञ में शाकल्य का मंत्रों सहित, हो हवन वैदिक यज्ञ में संयम रूपी अग्नि में, इन्द्रिय-सुखों का हवन हो अध्यात्म की दृष्टि से केवल, शास्त्र का स्वाध्याय […]
Jane Kya Jadu Bhara Hua Shri Krishna Aapki Gita Main
गीताजी की महिमा जाने क्या जादू भरा हुआ, श्रीकृष्ण आपकी गीता में जब शोक मोह से घिर जाते, गीता संदेश स्मरण करते, उद्धार हमारा ही इसमें, भगवान आपकी गीता में निगमागम का सब सार भरा, संकट से यह उबार लेती नित अमृत का हम पान करें, हे श्री कृष्ण आपकी गीता में है कर्म, भक्ति […]