Khelan Ke Mis Kuwari Radhika

राधा कृष्ण लीला खेलन के मिस कुँवरि राधिका, नंदमहर के आई सकुच सहित मधुरे करि बोली, घर हैं कुँवर कन्हाई ? सुनत श्याम कोकिल सम बानी, निकसे अति अतुराई माता सों कछु करत कलह हरि, सो डारी बिसराई मैया री, तू इन को चीन्हति, बारम्बार बताई जमुना-तीर काल्हि मैं भूल्यो, बाँह पकरि लै आई आवत […]

Bali Bali Ho Kuwari Radhika

राधा कृष्ण प्रीति बलि बलि हौं कुँवरि राधिका, नन्दसुवन जासों रति मानी वे अति चतुर, तुम चतुर-शिरोमनि, प्रीत करी कैसे रही छानी बेनु धरत हैं, कनक पीतपट, सो तेरे अन्तरगत ठानी वे पुनि श्याम, सहज तुम श्यामा, अम्बर मिस अपने उर आनी पुलकित अंग अवहि ह्वै आयो, निरखि सखी निज देह सयानी ‘सूर’ सुजान सखी […]