Bhagwan Krishna Ke Charno Main
स्तुति भगवान् कृष्ण के चरणों में, मैं करूँ वंदना बारंबार जो प्राणि-मात्र के आश्रय हैं, भक्तों के कष्ट वही हरतें ब्रह्मादि देव के भी स्वामी, मैं करूँ प्रार्थना बारंबार जो आदि अजन्मा भी यद्यपि हैं, पर विविध रूप धारण करते पृथ्वी पर लीलाएँ करते, मैं करूँ स्तवन बारंबार जब संकट से हम घिर जाते, करूणानिधि […]
Shri Krishna Chandra Mathura Ko Gaye
विरह व्यथा श्री कृष्णचन्द्र मथुरा को गये, गोकुल को आयबो छोड़ दियो तब से ब्रज की बालाओं ने, पनघट को जायबो छोड़ दियो सब लता पता भी सूख गये, कालिंदी किनारो छोड़ दियो वहाँ मेवा भोग लगावत हैं, माखन को खायबो छोड़ दियो ये बीन पखावज धरी रहैं, मुरली को बजायबो छोड़ दियो वहाँ कुब्जा […]
Bhagwan Krishna Lilamrut Ka
ब्रह्माजी का भ्रम भगवान् कृष्णलीलामृत का, हम तन्मय होकर पान करें ब्रह्मा तक समझ नहीं पाये, उन सर्वात्मा का ध्यान धरें यमुनाजी का रमणीय-पुलीन, जहाँ ग्वाल बाल भी सँग में हैं मंडलाकार आसीन हुए, भगवान् बीच में शोभित हैं बछड़े चरते थे हरी घास, मंडली मग्न थी भोजन में भगवान कृष्ण की लीला से, ब्रह्मा […]
Ankhiyan Krishna Milan Ki Pyasi
विरह व्यथा अँखियाँ कृष्ण मिलन की प्यासी आप तो जाय द्वारका छाये, लोग करत मेरी हाँसी आम की दार कोयलिया बोलै, बोलत सबद उदासी मेरे तो मन ऐसी आवै, करवत लेहौं कासी ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, चरण कमल की दासी
Bhagwan Radha Krishna Karuna Kar
प्रार्थना भगवान् राधाकृष्ण करुणा कर मुझे अपनाइये संसार-सागर में पड़ा, अविलम्ब आप बचाइये धन बंधु बांधव मोह माया, जाल में हूँ मैं फँसा आसक्ति से कर मुक्त, जीवन पर सुधा बरसाइये प्रभु दोष मेरे अनगिनत, अपराध का भण्डार हूँ गति हीन, साधन हीन के, सब क्लेश कष्ट निवारिये मैं प्रिया प्रियतम राधिका श्री कृष्ण का […]
Aur Ansha Avtar Krishna Bhagwan Swayam Hai
परब्रह्म श्री कृष्ण और अंश अवतार कृष्ण भगवान स्वयम् हैं वे मानुस बनि गये, यशोदा नन्द-नँदन हैं सकल भुवन के ईश एक, आश्रय वनवारी मोर मुकुट सिर धारि अधर, मुरली अति प्यारी रस सरबस श्रृंगार के, साक्षात् श्रृंगार हैं जो विभु हैं, आनन्दघन, उन प्रभु की हम शरन हैं
Main Krishna Nam Ki Chudiyan Pahanu
भरतार श्याम मैं कृष्ण नाम की चुड़ियाँ पहनूँ, आँख में कजरा डार गले में मोतियन माला पहनूँ, उनके हित श्रंगार ऐसे जन को नहीं वरूँ मैं, जो कि जिये दिन चार मेरे तो भरतार श्याम हैं, उन सँग करूँ विहार करूँ निछावर जीवन सारा, वे ही प्राणाधार स्वत्व मिटे, कुछ रहे न मेरा, माया मोह […]
Re Man Krishna Nam Jap Le
श्री कृष्ण स्मरण रे मन कृष्ण नाम जप ले भटक रहा क्यों इधर उधर तू, कान्ह शरण गह ले जनम मरण का चक्कर इससे, क्यों न मुक्त हो जाये यह संसार स्वप्न के जैसा, फिर भी क्यों भरमाये जिनको तू अपना है कहता, कोई भी नहीं तेरा मनमोहन को हृदय बिठाले, चला चली जग फेरा
Maine Mehandi Rachai Krishna Nam Ki
श्रीकृष्ण से प्रीति मैंनें मेंहदी रचाई कृष्ण नाम की, मैंने बिंदिया सजाई कृष्ण नाम की मेरी चूड़ियों में कृष्ण, मेरी चुनरी में कृष्ण, मैंने नथनी घढ़ाई कृष्ण नाम की मेरे नयनों में गोकुल, वृंदावन, मेरे प्राणों में मोहन मन-भावन मेरे होठों पे कृष्ण, मेरे हृदय में कृष्ण, मैंने ज्योति जगाई कृष्ण नाम की अब छाया […]
Ab Man Krishna Krishna Kahi Lije
श्रीकृष्ण स्मरण अब मन कृष्ण कृष्ण कहि लीजे कृष्ण कृष्ण कहि कहिके जग में, साधु समागम कीजे कृष्ण नाम की माला लेके, कृष्ण नाम चित दीजे कृष्ण नाम अमृत रस रसना, तृषावंत हो पीजै कृष्ण नाम है सार जगत् में, कृष्ण हेतु तन छीजे ‘रूपकुँवरि’ धरि ध्यान कृष्ण को, कृष्ण कृष्ण कहि लीजे