Krishna Katha Nit Hi Sune
सदुपदेश कृष्ण-कथा नित ही सुनें, श्रद्धा प्रेम बढ़ाय जो भी वस्तु परोक्ष हो, सुनें ध्यान में आय नेत्र-कोण की लालिमा, मन्द मन्द मुस्कान वस्त्राभूषण प्रीतिमा, मोहन का हो ध्यान श्रीहरि के माहात्म्य का, करे नित्य ही गान सुदृढ़ प्रेम उन से करें, माधुरी का रस-पान श्रवण, कीर्तन, भजन हो, स्वाभाविक हरि-ध्यान विषयों में रुचि हो […]
Jay Jay Bal Krishna
कृष्ण आरती जय जय बालकृष्ण शुभकारी, मंगलमय प्रभु की छबि न्यारी रत्न दीप कंचन की थारी, आरति करें सकल नर-नारी नन्दकुमार यशोदानन्दन, दुष्ट-दलन, गो-द्विज हितकारी परब्रह्म गोकुल में प्रकटे, लीला हित हरि नर-तनु धारी नव-जलधर सम श्यामल सुन्दर, घुटुरन चाल अमित मनहारी पीत झगा उर मौक्तिक-माला, केशर तिलक दरश प्रियकारी दंतुलिया दाड़िम सी दमके, मृदुल […]
Krishna Ghar Nand Ke Aaye Badhai Hai Badhai Hai
श्रीकृष्ण प्राकट्य कृष्ण घर नंद के आये, बधाई है बधाई है करो सब प्रेम से दर्शन, बधाई है बधाई है भाद्र की अष्टमी पावन में प्रगटे श्याम मनमोहन सुखों की राशि है पाई, बधाई है बधाई है मुदित सब बाल, नर-नारी, चले ले भेंट हाथों में देख शोभा अधिक हर्षित, बधाई है बधाई है कृष्ण […]
Jo Tu Krishna Nam Dhan Dharto
नाम महिमा जो तूँ कृष्ण नाम धन धरतो अब को जनम आगिलो तेरो, दोऊ जनम सुधरतो जन को त्रास सबै मिटि जातो, भगत नाँउ तेरो परतो ‘सूरदास’ बैकुण्ठ लोक में, कोई न फेंट पकरतो
Krishna Priya Jamuna Maharani
श्री यमुना स्तवन कृष्ण-प्रिया जमुना महारानी श्यामा वर्ण अवस्था षोडश सुन्दर रूप न जाय बखानी नयन प्रफुल्लित अम्बुज के से, नुपूर की झंकार सुहानी नीली साड़ी शोभित करधनी मोतियन माल कण्ठ मनभानी स्वर्ण रत्न निर्मित दो कुण्डल, दिव्य दीप्ति जिसकी नहीं सानी आभूषण केयूर आदि की,असीमित शोभा सुखद सुहानी देवी का सौन्दर्य मनोहर, धरे हृदय […]
Tiharo Krishna Kahat Ka Jat
चेतावनी तिहारौ कृष्ण कहत का जात बिछुड़ैं मिलै कबहुँ नहिं कोई, ज्यों तरुवर के पात पित्त वात कफ कण्ठ विरोधे, रसना टूटै बात प्रान लिये जैम जात मूढ़-मति! देखत जननी तात जम के फंद परै नहि जब लगि, क्यों न चरन लपटात कहत ‘सूर’ विरथा यह देही, ऐतौ क्यों इतरात
Krishna Radhika Radha Krishna
युगल स्वरूप कृष्ण राधिका, राधा कृष्ण, तत्व रूप से दोनों एक राधे श्याम, श्याम राधिके, भिन्न तथापि अभिन्न विवेक राधामय जीवन ही कृष्ण का, कृष्णचन्द्र ही जीवन रूप ऐकमेकता दिव्य युगल की, सदा एकरस तत्व अनूप दो के बिना न संभव होता, वितरण लीला का आस्वाद इसीलिये तो तन-मन से वे, लीला करते-निर्विवाद नित्य नया […]
Bal Krishna Kahe Maiya Maiya
माँ का स्नेह बालकृष्ण कहे मैया मैया नन्द महर सौं बाबा-बाबा, अरु हलधर सौं भैया ऊँचे चढ़ि-चढ़ि कहति जसोदा, लै लै नाम कन्हैया दूर खेलन जनि जाहु ललारे, मारेगी कोउ गैया गोपी ग्वाल करत कौतूहल, घर-घर बजत बधैया ‘सूरदास’ प्रभु तुम्हरे दरस को, चरणनि की बलि जैया
Jane Kya Jadu Bhara Hua Shri Krishna Aapki Gita Main
गीताजी की महिमा जाने क्या जादू भरा हुआ, श्रीकृष्ण आपकी गीता में जब शोक मोह से घिर जाते, गीता संदेश स्मरण करते, उद्धार हमारा ही इसमें, भगवान आपकी गीता में निगमागम का सब सार भरा, संकट से यह उबार लेती नित अमृत का हम पान करें, हे श्री कृष्ण आपकी गीता में है कर्म, भक्ति […]
Re Man Krishna Nam Kah Lije
नाम स्मरण रेमन, कृष्ण-नाम कह लीजै गुरु के वचन अटल करि मानहु, साधु-समागम कीजै पढ़ियै-सुनियै भगति-भागवत, और कथा कहि लीजै कृष्ण-नाम बिनु जनम वृथा है, वृथा जनम कहाँ जीजै कृष्ण-नाम-रस बह्यौ जात है, तृषावन्त ह्वै पीजै ‘सूरदास’ हरि-सरन ताकियै, जनम सफल करि लीजै