Maiya Mori Kamar Koun Lai
बाल क्रीड़ा मैया ! मोरी कामर कौन लई गाय चरावन जात वृन्दावन, खरिक में भाज गई एक कहे तोरि कारी कमरिया, जमुना में जात बही एक कहे तोरी कामर देखी, सुरभी खाय गई एक कहे नाचौ हम आगे, कामर देहु नई ‘सूरदास’ प्रभु जसुमति आगे, अँसुवन धार बही
Shyam Bina Yah Koun Kare
श्याम की मोहिनी स्याम बिना यह कौन करै चित वहिं तै मोहिनी लगावै, नैक हँसनि पै मनहि हरै रोकि रह्यौ प्रातहिं गहि मारग, गिन करि के दधि दान लियौ तन की सुधि तबहीं तैं भूली, कछु कहि के दधि लूट लियौ मन के करत मनोरथ पूरन, चतुर नारि इहि भाँति कहैं ‘सूर’ स्याम मन हर्यौ […]
Ab Main Koun Upay Karu
असमंजस अब मैं कौन उपाय करूँ जेहि बिधि मनको संसय छूटै, भव-निधि पार करूँ जनम पाय कछु भलो न कीन्हों, ताते अधिक डरूँ गुरुमत सुन के ज्ञान न उपजौ, पसुवत उदर भरूँ कह ‘नानक’ प्रभु बिरद पिछानौ, तब मैं पतित तरूँ