Khelan Ko Hari Duri Gayo Ri

यशोदा की चिन्ता खेलन कौं हरि दूरि गयौ री संग-संग धावत डोलत हैं, कह धौं बहुत अबेर भयौ री पलक ओट भावत नहिं मोकौं, कहा कहौं तोहि बात नंदहिं तात-तात कहि बोलत, मोहि कहत है मात इतनो कहत स्याम-घन आये, ग्वाल सखा सब चीन्हे दौरि जाइ उर लाइ ‘सूर’ प्रभु, हरषि जसोदा लीन्हे

Bhajan Ko Namahi Nam Bhayo

भजन महिमा भजन को नामहि नाम भयो जासों द्रवहि न प्राननाथ, वह कैसे भजन भयो कर माला, मुख नाम, पै न मन में कोई भाव रह्यो केवल भयो प्रदरसन, लोगन हूँ ने भगत कह्यो पायो मानुष जन्म, वृथा ऐसे ही समय गयो मन में साँची लगन होय सो, साँचो भजन कह्यो बिरह व्यथा में बीतहिं […]

Tulsi Maharani Ko Pranam

तुलसी महिमा तुलसी महारानी को प्रणाम पटरानी ये ही श्री हरि की, जो अद्वितीय लोकाभिराम शालीग्राम के शीश चढ़े वे, हरि अर्चन इनसे ही हो सुख शांति स्वास्थ्य भी दे हमको, जब श्रद्धा से जल सिंचन हो जो भोग लगे नारायण को, तुलसी के बिना नहीं स्वीकारे महिमा अपार तुलसीजी की, माँ भक्ति दान दो, […]

Rasiya Ko Nar Banao Ri

होली रसिया को नार बनाओ री, रसिया को कटि लहँगा, उर माँहि कंचुकी, चूनर आज ओढ़ाओरी बिंदी भाल नयन में कजरा, नक बेसर पहनाओरी सजा धजा जसुमति के आगे, याको नाच नचाओरी होरी में न लाज रहे सखियाँ, मिल कर के आज चिढ़ाओरी 

Chadi Man Hari Vimukhan Ko Sang

प्रबोधन छाड़ि मन, हरि-विमुखन को संग जिनके संग कुमति उपजत है, परत भजन में भंग कहा होत पय-पान कराए, विष नहिं तजत भुजंग कागहिं कहा कपूर चुगाए, स्वान न्हवाए गंग खर कौं कहा अरगजा-लेपन मरकट भूषन अंग गज कौं कहा सरित अन्हवाए, बधुरि धरै वह ढंग पाहन पतित बान नहिं बेधत, रीतो करत निषंग ‘सूरदास’ […]

Jo Bhaje Hari Ko Sada

हरि-भजन जो भजे हरि को सदा, सोई परमपद पायेगा देह के माला तिलक अरुछाप नहीं कुछ काम के प्रेम भक्ति के बिना नहीं, नाथ के मन भायेगा दिल के दर्पण को सफा कर, दूर कर अभिमान को शरण जा गुरु के चरण में, तो प्रभु मिल जायेगा छोड़ दुनियाँ के मजे सब, बैठकर एकांत में […]

Nand Ko Lal Chale Go Charan

गोचारण नंद को लाल चले गोचारन, शोभा कहत न आवे अति फूली डोलत नंदरानी, मोतिन चौक पुरावे विविध मूल्य के लै आभूषण, अपने सुत पहिरावे आनँद में, भर गावत मंगल गीत सबहिं मन भावे घर घर ते सब छाक लेत है, संग सखा सुखदाई गौएँ हाँक आगे कर लीनी, पाछे मुरली बजाई कुण्डल लाल कपोलन […]

Vipatti Ko Samjhen Ham Vardaan

विपदा का लाभ विपत्ति को समझें हम वरदान सुख में याद न आये प्रभु की, करें नहीं हम गान कुन्ती ने माँगा था प्रभु से, विपदायें ही आयें कष्ट दूर करने प्रभु आये, दर्शन तब हो जायें हुआ वियोग श्याम से जिनका, गोपियन अश्रु बहाये स्मरण करे प्रतिपल वे उनको, दिवस रात कट जाये अनुकुल […]

Jag Me Jiwat Hi Ko Nato

मोह माया जग में जीवत ही को नातो मन बिछुरे तन छार होइगो, कोउ न बात पुछातो मैं मेरो कबहूँ नहिं कीजै, कीजै पंच-सुहातो विषयासक्त रहत निसि –वासर, सुख सियारो दुःख तातो साँच झूँट करि माया जोरी, आपन रूखौ खातो ‘सूरदास’ कछु थिर नहिं रहई, जो आयो सो जातो

Pahchan Le Prabhu Ko

हरि स्मरण पहचान ले प्रभु को, घट-घट में वास जिनका तू याद कर ले उनको, कण कण में भी वही है जिसने तुझे बनाया, संसार है दिखाया चौदह भुवन में सत्ता, उनकी समा रही है विषयों की छोड़ आशा, सब व्यर्थ का तमाशा दिन चार का दिलासा, माया फँसा रही है दुनियाँ से दिल हटा […]