Mope Kirpa Karo Giridhari
शरणागति मोपे किरपा करो गिरिधारी! मैं आई शरण तुम्हारी मैं हूँ अभागिन भाग जगाओ, डूबती नैया पार लगाओ दुखिया के हो तुम दुखहारी, कोई न जाने पीर हमारी अपनों से भी हुई पराई, अपनी विपदा उन्हें सुनाई सबने ही जब बात बनाई, रो रो कर के तुम्हें पुकारी तुम्हरे बिन कोई सुने न मोरी, तुम […]