Raghu Nandan Ki Aarti Kije
राम आरती रघुनन्दन की आरती कीजै, दिव्य स्वरूप बसा मन लीजै पीताम्बर अद्वितीय कलेवर, संग जानकी माता सोहे धनुष बाण धारे जगदीश्वर, भरत, लखन, रिपुसूदन मोहे वैदेही लक्ष्मण है सँग में, राघवेन्द्र वनवास पधारे ॠषि, मुनि, शबरी दर्शन पाये, खरदूषण राक्षस संहारे साधुवेष धर रावण पहुँचा, वैदेही को तभी चुराया रावणादि को मार युद्ध में, […]
Aarti Kije Shri Raghuvar Ki
राम आरती आरती कीजै श्री रघुवर की, मर्यादा पुरुषोत्तम राम की दशरथ-सुत कौसल्या-नंदन, चंद्र-वदन की शोभा भारी सुर-मुनि-रक्षक, दैत्य-निकंदन, मर्यादित जीवन असुरारी स्वर्ण-मुकुट मकराकृत कुण्डल, हीरक-हार छटा उजियारी भुजा विशाल आभरण अनुपम, भाल तिलक की शोभा न्यारी सूर्य चन्द्र कोटिक छबि लाजै, स्वर्णिम पीताम्बर कटि धारी धीर वीर प्रभु जानकीवल्लभ, शिव, ब्रह्मा, ऋषि मुनि बलिहारी […]
Aarti Kije Hanuman Lala Ki
हनुमान आरती आरती कीजै हनुमानलला की, दुष्टदलन रघुनाथ कला की जाके बल से गिरिवर काँपे, रोग दोष जाके निकट न आवे अंजनिपुत्र महा-बल दाई, संतन के प्रभु सदा सहाई दे बीड़ा रघुनाथ पठाये, लंका जारि सीया सुधि लाये लंका-सो कोट, समुद्र-सी खाई, जात पवनसुत बार न लाई लंका जारि असुर संहारे, सीतारामजी के काज सँवारे […]
Aarti Reva Ki Kije
नर्मदा आरती आरती रेवा की कीजै, अमृत-पय मन भर पी लीजै साधु संतों की प्रियकारी, सुभग सौभाग्य कीर्तिवारी नर्मदे बहती करि हर हर, सुधा सम जल में नित भीजै दरस से दुख दुष्कृत काटो, अमृत-रस भक्तों को बाँटो सतत यमदूतों को डाँटो, शरण चरणों की माँ दीजै शम्भु की पुत्री सुकुमारी, जननि गिरिजा की अति […]