Main Hari Charanan Ki Dasi
हरि की दासी मैं हरि चरणन की दासी मलिन विषय रस त्यागे जग के, कृष्ण नाम रस प्यासी दुख अपमान कष्ट सब सहिया, लोग कहे कुलनासी आओ प्रीतम सुन्दर निरुपम, अंतर होत उदासी ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, चैन, नींद सब नासी
Aasakti Jagat Ki Nashta Kare
सत्संग की महिमा आसक्ति जगत् की नष्ट करें, खुल जाता है मुक्ति का द्वार स्वाध्याय, सांख्य व योग, त्याग, प्रभु को प्रसन्न उतने न करें व्रत, यज्ञ, वेद या तीर्थाटन, यम, नियम, प्रभु को वश न करें तीनों युग में सत्संग सुलभ, जो करे प्रेम से नर नारी यह साधन श्रेष्ठ सुगम निश्चित, दे पूर्ण […]
Main Krishna Nam Ki Chudiyan Pahanu
भरतार श्याम मैं कृष्ण नाम की चुड़ियाँ पहनूँ, आँख में कजरा डार गले में मोतियन माला पहनूँ, उनके हित श्रंगार ऐसे जन को नहीं वरूँ मैं, जो कि जिये दिन चार मेरे तो भरतार श्याम हैं, उन सँग करूँ विहार करूँ निछावर जीवन सारा, वे ही प्राणाधार स्वत्व मिटे, कुछ रहे न मेरा, माया मोह […]
Aarti Saraswati Ki Kariye
सरस्वती आरती आरति सरस्वती की करिये, दिव्य स्वरूप सदा मन भाये हरि, हर, ब्रह्मा तुमको ध्यायें, महिमा अमित देव ॠषि गायें श्वेत पद्म अगणित राका सी, अंग कांति मुनिजन को मोहे हंस वाहिनी ब्रह्म स्वरूपा, वीणा, पुस्तक कर में सोहे श्रेष्ठ-रत्न-आभूषण धारी, स्मृति बुद्धि शक्ति स्वरूपा शेष, व्यास, ऋषि वाल्मीकि पूजित, पतित पावनी सरिता रूपा […]
Sakhi Mharo Kanho Kaleje Ki Kor
प्राणनाथ कन्हैया सखी म्हारो कान्हो कलेजे की कोर मोर मुकुट पीतांबर सोहे, कुण्डल की झकझोर वृंदावन की कुञ्ज-गलिन में, नाचत नंदकिशोर ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, चरण-कँवल चितचोर
Karo Ab Jaane Ki Taiyari
चेतावनी करो अब जाने की तैयारी साधु संत सम्राट भी जायें, जाते सब संसारी देह तुम्हारी लगी काँपने, अंत काल की बारी ईर्ष्या द्वेष अहं नहीं छूटे, उम्र बिता दी सारी मोह जाल में फँसा रहे मन, वह है व्यक्ति अनारी काम न आये कोई अन्ततः, फिर भी दुनियादारी खाते, चलते सभी समय बस, जपलो […]
Maine Mehandi Rachai Krishna Nam Ki
श्रीकृष्ण से प्रीति मैंनें मेंहदी रचाई कृष्ण नाम की, मैंने बिंदिया सजाई कृष्ण नाम की मेरी चूड़ियों में कृष्ण, मेरी चुनरी में कृष्ण, मैंने नथनी घढ़ाई कृष्ण नाम की मेरे नयनों में गोकुल, वृंदावन, मेरे प्राणों में मोहन मन-भावन मेरे होठों पे कृष्ण, मेरे हृदय में कृष्ण, मैंने ज्योति जगाई कृष्ण नाम की अब छाया […]
Aarti Kije Hanuman Lala Ki
हनुमान आरती आरती कीजै हनुमानलला की, दुष्टदलन रघुनाथ कला की जाके बल से गिरिवर काँपे, रोग दोष जाके निकट न आवे अंजनिपुत्र महा-बल दाई, संतन के प्रभु सदा सहाई दे बीड़ा रघुनाथ पठाये, लंका जारि सीया सुधि लाये लंका-सो कोट, समुद्र-सी खाई, जात पवनसुत बार न लाई लंका जारि असुर संहारे, सीतारामजी के काज सँवारे […]
Jaki Gati Hai Hanuman Ki
हनुमान आश्रय जाकी गति है हनुमान की ताकी पैज पूजि आई, यह रेखा कुलिस पषान की अघटि-घटन, सुघटन-विघटन, ऐसी विरुदावलि नहिं आन की सुमिरत संकट सोच-विमोचन, मूरति मोद-निधान की तापर सानुकूल गिरिजा, शिव, राम, लखन अरु जानकी ‘तुलसी’ कपि की कृपा-विलोकनि, खानि सकल कल्यान की
Suni Main Hari Aawan Ki
प्रतीक्षा सुनी मैं हरि आवन की अवाज महल चढ़ि चढ़ि देखूँ मोरी सजनी, कब आवे महाराज दादुर मोर पपीहा बोलै, कोयल मधुरे साज उमग्यो बदरा चहुँ दिस बरसे, दामिनि छोड़ी लाज धरती रूप नवा नवा धरिया, इंद्र मिलन के काज ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, बेग मिलो महाराज