Sune Ri Maine Nirbal Ke Balram
शरणागति सुने री मैंने निरबल के बल राम पिछली साख भरूँ संतन की, आइ सँवारे काम जब लगि गज बल अपनो बरत्यो, नेक सर्यो नहिं काम निरबल ह्वै हरि नाम पुकार्यो, आये आधे नाम द्रुपद-सुता निरबल भई ता दिन, तजि आये निज धाम दुःशासन की भुजा थकित भई, बसन रूप भये स्याम अप-बल, तप-बल और […]
Jiwan Ke Jiwan Manmohan
श्रीकृष्ण भजन जीवन के जीवन मनमोहन, वरना मृत्यु समान उनके भजन बिना यह जीवन केवल है श्मशान चलती फिरती दिखे देह जो, उसे प्रेत लो जान व्यर्थ ही इसको नित्य सजाये, आखिर तो अवसान मिला विवेक प्रभु से हमको, उनका कर गुणगान
Jagat Main Jivan Ke Din Char
नश्वर जीवन जगत में जीवन के दिन चार मिला विवेक प्रभु से हमको, इसका करो विचार फँस मत जाना यहाँ मोह में, सभी कपट व्यवहार किसका तूँ है कौन तुम्हारा, स्वार्थ पूर्ण संसार मानव तन दुर्लभ दुनिया में, कर सेवा उपकार प्रभु से प्रीति लगाले प्यारे, नहीं करें भव-पार
Braj Ke Birahi Log Bichare
वियोग ब्रज के बिरही लोग बिचारे बिन गोपाल ठगे से ठाढ़े, अति दुरबल तनु हारे मात जसोदा पंथ निहारति, निरखति साँझ सकारे सबही कान्ह कान्ह कहि बोलत, अँखियन बहत पनारे यह मथुरा काजर की रेखा, जे निकसे ते कारे ‘परमानंद’ स्वामी बिन ऐसे, ज्यों चंदा बिनु तारे
Ham To Nandgaon Ke Vasi
गोकुल की महिमा हम तो नंदग्राम के वासी नाम गोपाल, जाति कुल गोपहिं, गोप-गोपाल उपासी गिरिवरधारी, गोधनचारी, वृन्दावन-अभिलाषी राजा नंद जसोदा रानी, जलधि नदी जमुना सी प्रान हमारे परम मनोहर, कमल नयन सुखरासी ‘सूरदास’ प्रभु कहौ कहाँ लौं, अष्ट महासिधि दासी
Sakhi Lala Ke Mukh Pe Makkhan
माखन चोरी सखि लाला के मुँह पे मक्खन, मैंने जब लगा हुआ पाया भोलेपन से कुछ उत्तर दे, चित चुरा कन्हैया भाग गया जिनके घर अब तक नहीं पहुँचा, लाला मक्खन चोरी करने अति उत्कण्ठित वे गोपीजन, आ जाये वहीं उपकृत करने वास्तव में हर ग्वालिन का मन, अटका रहता है मोहन में वे उपालम्भ […]
Jab Haar Kisi Ke Hath Nahi
समदृष्टि जय हार किसी के हाथ नहीं जब विजय प्राप्त हो अपने को, ले श्रेय स्वयं यह ठीक नहीं हम तो केवल कठपुतली हैं, सब कुछ ही तो प्रभु के वश में है जीत उन्हीं के हाथों में और हार भी उनके हाथों में जब मिलें पराजय अपयश हो, पुरुषार्थ हमारा जाय कहाँ हो हार […]
Bhakta Ke Vash Main Hain Bhagwan
भक्त वत्सलता भक्त के वश में हैं भगवान जब जब स्मरण किया भक्तों ने, रखली तुमने आन चीर खिंचा जब द्रुपद-सुता का, दु:शासन के द्वारा लिया वस्त्र अवतार, द्रौपदी ने जब तुम्हें पुकारा लगी बाँधने यशुमति मैया, जब डोरी से तुमको थकी यशोदा पर न बँधे, तो बँधवाया अपने को दुर्वासा संग शिष्य जीमने, पाण्डव-कुटि […]
Kahan Ke Pathik Kahan Kinh Hai Gavanwa
परिचय कहाँ के पथिक कहाँ, कीन्ह है गवनवा कौन ग्राम के, धाम के वासी, के कारण तुम तज्यो है भवनवा उत्तर देस एक नगरी अयोध्या, राजा दशरथ जहाँ वहाँ है भुवानवा उनही के हम दोनों कुँवरावा , मात वचन सुनि तज्यो है भवनवा कौन सो प्रीतम कौन देवरवा ! साँवरो सो प्रीतम गौर देवरवा ‘तुलसिदास’ […]
Ham Bhaktan Ke Bhakta Hamare
भक्त के भगवान हम भक्तन के, भक्त हमारे सुन अर्जुन, परतिग्या मेरी, यह व्रत टरत न टारे भक्तै काज लाज हिय धरिकैं, पाय-पियादे धाऊँ जहँ-जहँ भीर परै भक्तन पै, तहँ-तहँ जाइ छुड़ाऊँ जो मम भक्त सों बैर करत है, सो निज बैरी मेरो देखि बिचारि, भक्तहित-कारन, हाँकत हौं रथ तेरो जीते जीत भक्त अपने की, […]