Kanhaiya Pe Tan Man Lutane Chali
समर्पण कन्हैया पे तन मन लुटाने चली भूल गई जीवन के सपने, भूल गई मैं जग की प्रीति, साँझ सवेरे मैं गाती हूँ, कृष्ण-प्रेम के मीठे गीत अब अपने को खुद ही मिटाने चली, कन्हैया पे तन मन लुटाने चली लिखा नहीं है भाग्य में मिलना, पर मैं मिलने जाती हूँ, दुःख के सागर में […]
Kanhaiya Murali Tan Sunaye
मुरली-माधुरी कन्हैया मुरली तान सुनाये ब्रज बालाओं को गृहस्थ सुख, नहीं तनिक भी भाये दही बिलोना खाना पीना, सभी तभी छुट जाये वेणु-रव चित की वृतियों को, वृन्दावन ले जाये मनमोहक श्रृंगार श्याम का, हृदय-देश में आये धन्य बाँस की बाँसुरिया धर, अधर सरस स्वर गाये
Kahe Kanhaiya Bada Ho Gaya
गौचारण लीला कहे कन्हैया बड़ा हो गया, सुन जसुमति हर्षाये नेह नीर भर के नयनों में, लाला को समझाये नटखट बालकृष्ण नहीं माने, नन्दराय मुसकाये करा कलेवा ग्वाल-बाल सँग, वन को लाल पठाये लिये लकुटिया हाथ, कामरी कंधे पर लटकाये मोर-मुकुट सिर सोहे, कटि में पीत वसन लहराये पावन अधिक आज वृन्दावन, मुरली मधुर सुनाये […]
Ghutno Ke Bal Chale Kanhaiya
बालकृष्ण घुटनों के बल चले कन्हैया बार-बार किलकारी मारे, आनन्दित हो मैया नवनीत कर में लिये कन्हाई, मुँह पर दही लगाये मणिमय आँगन में परछार्इं, निरख निरख हर्षाये तभी गोपियाँ गोदी लेकर, उन्हें चूमना चाहें बालकृष्ण की अतिप्रिय लीला, अपना भाग्य सराहें