Anand Kand Shri Krishna Chandra
श्रीकृष्ण सौन्दर्य आनन्दकन्द श्री कृष्णचन्द्र, सिर मोर-मुकुट की छवि न्यारी मुसकान मधुर चंचल चितवन, वह रूप विलक्षण मनहारी कटि में स्वर्णिम पीताम्बर है, शोभा अपूर्व अति सुखकारी जो कामकला के सागर हैं, नटनागर यमुना-तट चारी वंशी की मधुर ध्वनि करते, संग में श्री राधा सुकुमारी गोवर्धन धारण की लीला, वर्णनातीत अति प्रियकारी कालियानाग के मस्तक […]
Nand Ghar Pragte Anand Kand
श्रीकृष्ण प्राकट्य नन्द घर प्रकटे आनँद कंद हुआ पुत्र यशुमति मैया को, छायो परमानन्द जात कर्म संस्कार हो गया, विपुल दियो है दान भेंट करें सब ग्वाल गोपियाँ, गाये मंगल गान दुन्दुभियाँ भेरी भी बाजे, करें मंगलाचार सजे सभी घर ब्रज मण्डल में, शोभित वन्दनवार आगन्तुक को रोहिणी मैया, करें जहाँ सत्कार नन्दमहल में ऋद्धि […]