Patiyan Main Kaise Likhu Likhi Hi Na Jay
विरह व्यथा पतियाँ मैं कैसे लिखूँ, लिखि ही न जाई कलम धरत मेरो कर कंपत है, हियड़ो रह्यो घबराई बात कहूँ पर कहत न आवै, नैना रहे झर्राई किस बिधि चरण कमल मैं गहिहौं, सबहि अंग थर्राई ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, बेगि मिल्यो अब आई
Nath Kaise Bali Ghar Yachan Aaye
वामन अवतार नाथ कैसे बलि घर याचन आये बलिराजा रणधीर महाबल, इन्द्रादिक भय खाये तीन लोक उनके वश आये, निर्भय राज चलाये वामन रूप धरा श्री हरि ने, बलि के यज्ञ सिधाये तीन चरण पृथ्वी दो राजन! कुटिया चाहूँ बनायें बलि ने दान दिया जैसे ही तत्क्षण रूप बढ़ाये तीन लोक में पैर पसारे, बलि […]
Nishthur Bane Ho Kaise
विरह वेदना निष्ठुर बने हो कैसे, चित्तचोर हे बिहारी चित्तवन तुम्हारी बाँकी, सर्वस्व तुम्ही पे वारी सूरत तेरी सुहानी, नैनों में वह समाई हम से सहा न जाये, ऐसा वियोग भारी मुरली की धुन सुना दो, रस प्यार का बहा दो चन्दा सा मुख दिखा दो, अनुपम छबि तुम्हारी वन वन भटक रही है, तुमको […]
Badi Maa Kaise Jiun Bin Ram
भरत का प्रेम बड़ी माँ! जीऊँ कैसे बिन राम सिया, राम, लछमन तो वन में, पिता गये सुरधाम कुटिल बुद्धि माँ कैकेयी की, बसिये न ऐसे ग्राम भोर भये हम भी वन जैहें, अवध नहीं कछु काम अद्भुत प्रेम भरत का, प्रस्थित गये मिलन को राम
Shyam Main Kaise Darshan Paun
दर्शन की चाह श्याम! मैं कैसे दर्शन पाऊँ दर्शन की उत्कट अभिलाषा और कहीं ना जाऊँ पूजा-विधि भलीभाँति न जानूँ कैसे तुम्हें रिझाऊँ माखन मिश्री का मैं प्रतिदिन, क्या मैं भोग लगाऊँ गोपीजन-सा भाव न मुझमें, कैसे प्रीति बढ़ाऊँ श्री राधा से प्रीति अनूठी, उनके गीत सुनाऊँ तुम्हीं श्याम बतलाओ मुझको, क्या मैं भेंट चढ़ाऊँ […]
Shri Ram Jape Ham Kaise Hi
राम नाम महिमा श्री राम जपें हम कैसे ही उलटा नाम जपा वाल्मीकि ने, ब्रह्मर्षि हो गये वही लिया अजामिल ने धोखे से नाम तर गया भवसागर द्रुपद-सुता जब घिरी विपद् से, लाज बचाई नटनागर गज, गणिका का काम बन गया, प्रभु-कृपा से ही तो प्रतीति प्रीति हो दो अक्षर में, श्रीराम मिले उसको तो […]