Devi Usha Jyotirmai
विनती देवि उषा! ज्योतिर्मयी, तुम प्रेरक सत्कर्म सत्पथ पर हों अग्रसर अडिग रहे निज धर्म सूर्यदेव! गायत्री से करूँ आपका ध्यान निष्ठा होए इष्ट में, करें आप कल्याण हे प्रभु प्रेम विभोर हो, जपूँ आपका नाम नयन अश्रु विगलित रहे, सेवा हो निष्काम असत्, तिमिर अरु मृत्यु का, करो सर्वथा नाश सत्य, ज्ञान, अमृतत्व दो, […]