Mohan Lalpalne Jhule Jasumati Mat Jhulave Ho
झूला मोहनलाल पालने झूलैं, जसुमति मात झुलावे हो निरिख निरखि मुख कमल नैन को, बाल चरित जस गावे हो कबहुँक सुरँग खिलौना ले ले, नाना भाँति खिलाये हो चुटकी दे दे लाड़ लड़ावै, अरु करताल बजाये हो पुत्र सनेह चुचात पयोधर, आनँद उर न समाये हो चिरजीवौ सुत नंद महर को, ‘सूरदास’ हर्षाये हो
Jhula Jhule Shri Giridhari
झूला झूला झूले श्री गिरधारी मणिमय जटित हिंडोला बैठे, संग में प्राण पियारी वाम भाग सोहत श्री राधा, पहन लहरिया सारी शीतल मन्द सुगन्धित वायु, श्याम घटा मनहारी कोकिल मोर पपीहा बोले, मधुर गान सुखकारी फूल-हार, फूलों का गजरा, युगल रूप छबि न्यारी
Jhule Yugal Kishor
झूला झूले युगल किशोर अति आनन्द भरे रस गावत, लेत प्रिया चित चोर कंचन मणि के खम्भ बनाये, श्याम घटा घन घोर पीत वसन दामिनी छवि लज्जित, बोलन लागे मोर रत्न जटित पटली पर बैठे, नागर नन्द किशोर
Ladili Surang Palne Jhule
झूला लाड़िली सुरंग पालने झूले कीरति रानी सुलावै, गावै, हर्षित अति मन फूले भाँति भाँति के लिये खिलौना, प्रमुदित गोद खिलावे देखि देखि मुसकाति सलोनी द्वैदंतुलि दरसावे शोभा की सागर श्री राधा, उमा रमा रति वारी तिहि छन की शोभा कछु-न्यारी, विधि निज हाथ सँवारी यशोदा का सुखलाल को पलना मात पौढ़ाये स्नान करा झँगुला […]