Pratham Saneh Duhun Man Janyo
राधे श्याम मिलन प्रथम सनेह दुहुँन मन जान्यो सैन-सैन कीनी सब बातें, गुपत प्रीति सिसुता प्रगटान्यो खेलन कबहुँ हमारे आवहु, नंद-सदन ब्रज – गाँउँ द्वारे आइ टेरि मोहि लीजो, कान्ह है मेरो नाउँ जो कहियै घर दूरि तुम्हारो, बोलत सुनियै टेर तुमहिं सौंह वृषभानु बबा की, प्रात-साँझ इक फेर सूधी निपट देखियत तुमकों, तातें करियत […]