Priti Ki Rit Na Jane Sakhi
प्रीति की रीति प्रीति की रीत न जाने सखी, वह नन्द को नन्दन साँवरिया वो गायें चराये यमुना तट, और मुरली मधुर बजावत है सखियों के संग में केलि करे, दधि लूटत री वह नटवरिया संग लेकर के वह ग्वाल बाल, मग रोकत है ब्रज नारिन को तन से चुनरी-पट को झटके, सिर से पटके […]
Jane Kya Jadu Bhara Hua Shri Krishna Aapki Gita Main
गीताजी की महिमा जाने क्या जादू भरा हुआ, श्रीकृष्ण आपकी गीता में जब शोक मोह से घिर जाते, गीता संदेश स्मरण करते, उद्धार हमारा ही इसमें, भगवान आपकी गीता में निगमागम का सब सार भरा, संकट से यह उबार लेती नित अमृत का हम पान करें, हे श्री कृष्ण आपकी गीता में है कर्म, भक्ति […]