Ese Ramdin Hitkari
हितकारी राम ऐसे राम दीन हितकारी अति कोमल करुना निधान बिनु कारन पर-उपकारी साधन हीन दीन निज अघ बस सिला भई मुनि नारी गृहते गवनि परसि पद-पावन घोर सापते तारी अधम जाति शबरी नारी जड़ लोक वेद ते न्यारी जानि प्रीत दै दरस कृपानिधि सोउ रघुनाथ उबारी रिपु को अनुज विभिषन निशिचर, कौन भजन अधिकारी […]
Dinan Dukh Haran Dev Santan Hitkari
भक्त के भगवान दीनन दुख हरन देव संतन हितकारी ध्रुव को हरि राज देत, प्रह्लाद को उबार लेत भगत हेतु बाँध्यो सेतु, लंकपुरी जारी तंदुल से रीझ जात, साग पात आप खात शबरी के खाये फल, खाटे मीठे खारी गज को जब ग्राह ग्रस्यो, दुःशासन चीर खस्यो सभा बीच कृष्ण कृष्ण, द्रौपदी पुकारी इतने हरि […]
Prabhu Ji Tum Bhakton Ke Hitkari
भक्त-वत्सल भगवान प्रभुजी तुम भक्तों के हितकारी हिरणाकश्यप ने भक्त प्रहलाद को कष्ट दिया जब भारी नरसिंह रूप लिये प्रभु प्रकटें, भक्तों के रखवारी जभी ग्राह ने पकड़ा गज को, आया शरण तुम्हारी सुन गुहार के मुक्त किया गज, भारी विपदा टारी दुष्ट दुःशासन खींच रहा था, द्रुपद-सुता की साड़ी दौड़े आये लाज बचाई, हे […]