Nisi Din Barsat Nain Hamare
विरह व्यथा निसि दिन बरसत नैन हमारे सदा रहत पावस-ऋतु हम पर, जब तें श्याम सिधारे अंजन थिर न रहत अँखियन में, कर कपोल भये कारे कचुंकि-पट सूखत नहीं कबहूँ, उर बिच बहत पनारे आँसू सलिल भये पग थाके, बहे जात सित तारे ‘सूरदास’ अब डूबत है ब्रज, काहे न लेत उबारे
Naina Bhaye Anath Hamare
विरह व्यथा नैना भये अनाथ हमारे मदनगुपाल यहाँ ते सजनी, सुनियत दूरि सिधारे वै हरि जल हम मीन बापुरी, कैसे जियहिं नियारे हम चातक चकोर श्यामल घन, बदन सुधा-निधि प्यारे मधुबन बसत आस दरसन की, नैन जोई मग हारे ‘सूरदास’ ऐसे मनमोहन, मृतक हुते पुनि मारे
Ham Bhaktan Ke Bhakta Hamare
भक्त के भगवान हम भक्तन के, भक्त हमारे सुन अर्जुन, परतिग्या मेरी, यह व्रत टरत न टारे भक्तै काज लाज हिय धरिकैं, पाय-पियादे धाऊँ जहँ-जहँ भीर परै भक्तन पै, तहँ-तहँ जाइ छुड़ाऊँ जो मम भक्त सों बैर करत है, सो निज बैरी मेरो देखि बिचारि, भक्तहित-कारन, हाँकत हौं रथ तेरो जीते जीत भक्त अपने की, […]
Hamare Nirdhan Ke Dhan Ram
प्रबोधन हमारे निर्धन के धन राम चोर न लेत घटत नहिं कबहूँ, आवत गाढ़ैं काम जल नहिं बूड़त, अगिनि न दाहत, है ऐसो हरि नाम वैकुण्ठनाथ सकल सुख दाता, ‘सूरदास’ सुख-धाम
Teertha Mahan Prayag Hamare Klesh Bhagaye
प्रयाग माहात्म्य तीर्थ महान् प्रयाग हमारे क्लेश भगाये स्नान करें त्रिवेणी जल में दुःख मिटाये गंग श्वेत जल मिले श्याम जल यमुनाजी में सरस्वती भी आन मिले अदृश्य इन्हीं में योग बिना ही सिद्धि मिले, सेवें प्रयाग को दर्शन और प्रणाम करें, हम तीर्थ-राज को