Moko Kahan Dhundhe Re Bande
आत्मज्ञान मोको कहाँ ढूँढे रे बन्दे, मैं तो तेरे पास में ना मंदिर में ना मस्जिद में, ना पर्वत के वास में ना जप ताप में, ना ही योग में, ना मैं व्रत उपवास में कर्म काण्ड में मैं नहीं रहता, ना ही मैं सन्यास में खोज होय साँची मिल जाऊँ, इक पल की ही […]