Dinan Dukh Haran Dev Santan Hitkari
भक्त के भगवान दीनन दुख हरन देव संतन हितकारी ध्रुव को हरि राज देत, प्रह्लाद को उबार लेत भगत हेतु बाँध्यो सेतु, लंकपुरी जारी तंदुल से रीझ जात, साग पात आप खात शबरी के खाये फल, खाटे मीठे खारी गज को जब ग्राह ग्रस्यो, दुःशासन चीर खस्यो सभा बीच कृष्ण कृष्ण, द्रौपदी पुकारी इतने हरि […]
Rishi Muni Sab Dev Pukar Rahe
परब्रह्म श्रीकृष्ण ऋषि मुनि सब देव पुकार रहे, श्रीकृष्ण हरे गोविन्द हरे उन विश्वंद्य का संकीर्तन हो आर्तवाणि से दु:ख टरे असुरों के अत्याचारों से, हो रहा घना था धर्म-नाश सब देव गये गोलोक धाम, जो है प्रसिद्ध श्रीकृष्ण-वास इक दृश्य अलौकिक वहाँ देख, आश्चर्य चकित सब देव हुए नारायण, नरसिंह, राम, हरि, श्री कृष्ण-तेज […]
Jay Dev Jay Dev
गणपति की आरती जय देव, जय देव जय गणेश दुख हर्ता, विघ्न नाश कर्ता, करुणा, प्रेम प्रदाता, मन वांछित दाता श्री विग्रह पर उबटन, सिंदुर का सोहे, कमल पुष्प मुक्ता की, माला मन मोहे केसर-कुंकुम-चंदन, तिलक भाल साजे, स्वर्ण-मुकुट रत्नों का, सिर पर अति भ्राजे कंचन की सी आभा, पीताम्बर छाजे, श्री चरणों में नूपुर, […]
Jay Surya Dev Kashyap Nandan
सूर्यनारायण आरती जय सूर्यदेव कश्यप-नन्दन, हम बारम्बार करे वन्दन ‘तमसो-मा-ज्योतिर्गमय’ प्रभो, सब रोग भगाने वारे हो आरूढ़ सप्त अश्वों के रथ, राजत किरीट केयूरवान् प्रभु तेजरूप कर चक्र पद्म, त्रिभुवन के तुम्ही उजारे हो रविमण्डल बिच पद्मासन पर, साकार ब्रह्म हे नारायण गल रत्नहार कुण्डल भूषित, सावित्री राजदुलारे हो जड़ चेतन के तुम स्वामी हो, […]