Mangal Diwas Chathi Ko Aayo
उत्सव मंगल दिवस छठी को आयो आनन्दित नंदराय जसोदा, मानों निर्धन धन को पायो न्हवा कान्ह को जसुमति मैया, कुल देवी के चरण परायो विविध भाँति के व्यंजन धर के, देवी को भलिभाँति मनायो सब ब्रज नारी बधावन आई, बालकृष्ण को तिलक करायो जय जयकार होत गोकुल में, ‘परमानंद’ हरषि जस गायो