Fagun Ke Din Char Re Hori Khel Mana Re
आध्यात्मिक होली फागुन के दिन चार रे, होरी खेल मना रे बिन करताल पखावज बाजै, अणहद की झणकार रे बिन सुर राग छतीसूँ गावै, रोम-रोम रणकार रे सील संतोष की केसर घोली, प्रेम प्रीति पिचकार रे उड़त गुलाल लाल भयो अंबर, बरसत रंग अपार रे घट के सब पट खोल दिये हैं, लोक लाज सब […]
Jivan Ke Din Char Re Man Karo Punya Ke Kam
नाशवान संसार जीवन के दिन चार रे, मन करो पुण्य के काम पानी का सा बुदबुदा, जो धरा आदमी नाम कौल किया था, भजन करूँगा, आन बसाया धाम हाथी छूटा ठाम से रे, लश्कर करी पुकार दसों द्वार तो बन्द है, निकल गया असवार जैसा पानी ओस का, वैसा बस संसार झिलमिल झिलमिल हो रहा, […]
Jagat Main Jivan Hai Din Char
सदुपदेश जगत में जीवन है दिन चार खरी कमाई से ही भोगो, किंचित सुख संसार मात-पिता गुरुजन की सेवा, कीजै पर उपकार पशु पक्षी जड़ सब के भीतर, ईश्वर अंश निहार द्वेष भाव मन से बिसराओ, करो प्रेम व्यवहार ‘ब्रह्मानंद’ तोड़ भव-बंधन, यह संसार असार
Jagat Main Jivan Ke Din Char
नश्वर जीवन जगत में जीवन के दिन चार मिला विवेक प्रभु से हमको, इसका करो विचार फँस मत जाना यहाँ मोह में, सभी कपट व्यवहार किसका तूँ है कौन तुम्हारा, स्वार्थ पूर्ण संसार मानव तन दुर्लभ दुनिया में, कर सेवा उपकार प्रभु से प्रीति लगाले प्यारे, नहीं करें भव-पार
Jiwan Ke Din Bas Char Bache
भक्ति भाव जीवन के दिन बस चार बचे, क्यों व्यर्थ गँवाये जाता है क्यों भक्ति योग का आश्रय ले, कल्याण प्राप्त नहीं करता है अज्ञान तिमिर को दूर करे, भगवान कपिल उपदिष्ट यही माँ देवहूति को प्राप्त वही, जो नहीं सुलभ अन्यत्र कहीं श्रद्धापूर्वक निष्काम भाव से, नित्य कर्म अति उत्तम है प्रतिमा दर्शन,पूजा सेवा, […]